Deoria news: हाल ही में उत्तर प्रदेश के देवरिया से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक दलित युवक को गाँव के कुछ दबंगों ने मिलकर पीटा जिसके बाद युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई, इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है । यह घटना न सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि समाज में व्याप्त असमानता और अत्याचार की एक गंभीर समस्या को उजागर करती है।
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जाने क्या हैं पूरा मामला
यूपी के देवरिया जनपद के गौरीबाजार थाना क्षेत्र के करमाजीतपुर से एक नया विवादित मामला सामने आया हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुतबिक, गौरीबाजार थाना क्षेत्र के करमाजीतपुर गांव में सोमवार की रात दावत पर बुलाकर घर से करीब दो सौ मीटर की दूरी पर एक दलित युवक की कुछ दबंगों ने जमकर पिटाई की। जिसके बाद अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मृतक युवक की मां शकुंतला देवी की तहरीर पर पांच लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। वही पुलिस का कहना है हत्या की वजह का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। साथ ही आपस में हुए झगड़े की वजह का भी पता लगाया जा रहा है।
दरअसल, पुलिस को दी गई सूचना के मुताबिक, करमाजीतपुर निवासी सिंटू पुत्र गिरीश प्रसाद को उसके कुछ दोस्तों ने घर से करीब 300 मीटर दूर एक जगह पर दावत के लिए बुलाया था। इसी दौरान किसी बात को लेकर उनकी आपस में मारपीट हो गई। मारपीट के दौरान सिंटू गंभीर रूप से घायल हो गया। परिवार के लोगों ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर में उसे इलाज के लिए भर्ती कराया था। वहां उसकी हालत में सुधार नहीं होने पर बुधवार की रात परिजन उसे एसजीपीजीआई लखनऊ लेकर जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में उसकी मौत हो गई। पुलिस ने पांच लोगों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर उन्हें हिरासत में ले लिया है।
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समाज में जातिगत भेदभाव
समाज में जातिगत भेदभाव एक गहरी सामाजिक समस्या है, जो भारतीय समाज में सदियों से अस्तित्व में रही है। यह भेदभाव मुख्य रूप से जन्म के आधार पर होता है, जिसमें व्यक्ति की जाति, धर्म, या समुदाय के आधार पर उसे विभिन्न अधिकारों, अवसरों और सम्मान से वंचित किया जाता है। जातिवाद भारतीय समाज के कई पहलुओं में देखा जाता है, जैसे शिक्षा, रोजगार, विवाह, सामाजिक सम्मान और यहां तक कि धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी इससे प्रभावित होती हैं। वही यह घटना एक बार फिर दबंगों और शक्तिशाली लोगों द्वारा कमजोर वर्गों पर किए जा रहे अत्याचारों की ओर इशारा करती है। इसके अलवा दलित युवक के साथ हुई हिंसा जातिगत भेदभाव की गहरी जड़ों को उजागर करती है।