Kerala: दलित छात्र के साथ जातिगत भेदभाव, प्रदर्शनकारियों ने शिक्षिका को निलंबित करने की मांग

Dalit Student, Kerala School Caste Discrimination Case
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Kerala School Caste Discrimination Case: बीते कुछ दिन पहले केरल के इडुक्की जिले से एक विवाद सामने आया हैं. दरअसल केरल के इडुक्की जिले के स्लीवमाला स्थित सेंट बेनेडिक्ट्स एलपी स्कूल में एक जातिगत भेदभाव का मामला सामने आया है, जिसमें एक छह साल के दलित छात्र को अपने साथी छात्र की उल्टी साफ करने के लिए मजबूर किया गया। स्कूल प्रिंसिपल और शिक्षा विभाग को दी गई शिकायतों के बावजूद टीचर के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई, जिससे बच्चे के पेरेंट्स और दलित अधिकारों के पैरवीकार क्षुब्ध हैं। बच्चे की माँ ने शुक्रवार को स्थानीय पुलिस स्टेशन में औपचारिक शिकायत दर्ज करवाई।

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क्या है पूरा मामला जानें ?

दरअसल, बीते एक महीने पहले केरल के इडुक्की में दलित छात्र के साथ जातिगत भेदभाव और दुर्व्यवहार हुआ था। जिसके बाद दलित छात्र प्रणव की मां प्रियंका सोमन ने द मूकनायक को बताया कि 13 नवंबर को शिक्षिका मारिया ने उनके बेटे को जबरन एक बीमार सहपाठी की उल्टी साफ करने को कहा। जब प्रणव ने मना किया, तो उस पर दबाव बनाया गया। उन्होंने कहा, “शिक्षक की हरकतों से मेरा बच्चा अपमानित महसूस कर रहा था और स्कूल लौटने से डर रहा था।” माता-पिता ने स्कूल से टीसी मांगी और प्रणव का दाखिला उनके घर से 12 किलोमीटर दूर एक सरकारी स्कूल में कराया हैं।

जिसके बाद केरल में हाल ही में जातिगत भेदभाव और दुर्व्यवहार को लेकर भीम आर्मी, बीएसपी और चेरामा सम्बवा डेवलपमेंट सोसाइटी (सीएसडीएस) सहित कई बड़े बहुजन संगठनों ने प्रोटेस्ट किया और वही वट्टकनिपारा से कुथुंगल टाउन तक मशाल रैली भी निकली गयी हैं।

पुलिस जानबूझकर मामले में ढिलाई कर रही

दरअसल, बीते एक महीने पहले केरल के इडुक्की में दलित छात्र के साथ जातिगत भेदभाव और दुर्व्यवहार हुआ था। जिसके बाद दलित छात्र प्रणव की मां प्रियंका सोमन ने द मूकनायक को बताया कि 13 नवंबर को शिक्षिका मारिया ने उनके बेटे को जबरन एक बीमार सहपाठी की उल्टी साफ करने को कहा। जब प्रणव ने मना किया, तो उस पर दबाव बनाया गया। उन्होंने कहा, “शिक्षक की हरकतों से मेरा बच्चा अपमानित महसूस कर रहा था और स्कूल लौटने से डर रहा था।” माता-पिता ने स्कूल से टीसी मांगी और प्रणव का दाखिला उनके घर से 12 किलोमीटर दूर एक सरकारी स्कूल में कराया।

प्रणव की मां प्रियंका ने कई जगह शिकायत दर्ज कराई। इनमें चाइल्डलाइन, शिक्षा विभाग, जिला मजिस्ट्रेट और उप पुलिस अधीक्षक (DySP) शामिल हैं। करीब एक महीना गुजर जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। वही प्रियंका ने मीडिया को बताया कि उस पर कई आरोप लगाये कि वो डर्मा कर रही है और पैसे खाना चाहती है। प्रणव की मां प्रियंका ने कहा एफआईआर दर्ज हुए कई सप्ताह गुजरने के बावजूद, प्रियंका ने शिकायत की कि पुलिस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाई। उन्होंने यह आरोप लगाया कि पुलिस जानबूझकर मामले में ढिलाई कर रही है ताकि स्कूल प्रशासन को बचाया जा सके।

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न्याय अधिनियम का उल्लंघन

प्रियंका ने आगे बात में कहा, क्लास के  “बच्चों के बयानों से यह साफ हो चुका है कि उन्हें उल्टी साफ करने को कहा गया था जो कि किशोर न्याय अधिनियम का उल्लंघन है, फिर भी अधिकारी जातिगत भेदभाव और बच्चों के अधिकारों के उल्लंघन को नजरअंदाज कर रहे हैं। यह उदासीनता गलत करने वालों को प्रोत्साहित कर रही है।” वही प्रदर्शन में शामिल बहुजन संगठनों ने जातिगत भेदभाव और बच्चों के अधिकारों के उल्लंघन की कड़ी आलोचना की। भीम आर्मी के एक सदस्य ने कहा, “यह शर्म की बात है कि एक छह साल के बच्चे को इतना अपमानजनक काम करने को मजबूर किया गया और फिर भी प्रशासन और अधिकारी दोषियों को बचाने में लगे हुए हैं।”

प्रदर्शनकारियों ने शिक्षिका मारिया को निलंबित करने, स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और उच्च अधिकारियों से मामले में दखल देने की मांग की। इस घटना को लेकर बढ़ते विरोध के बीच, प्रियंका ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि, “मैं अपने बेटे के लिए न्याय चाहती हूं। यह सिर्फ जातिगत भेदभाव का मामला नहीं है, यह हर बच्चे के सम्मान और सुरक्षा का सवाल है।”

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