दलित आंदोलन के केंद्र बन गए महाराष्ट्र के ये 5 स्थान
By: Shikha
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महाराष्ट्र में कई स्थान हैं, जो दलित आंदोलन के महत्वपूर्ण केंद्र बने हैं। ये स्थान समाजिक बदलाव, अस्मिता की लड़ाई और भारतीय समाज में दलित समुदाय के अधिकारों की आवाज़ के रूप में विकसित हुए हैं।
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1818 में भीमा कोरेगांव की लड़ाई दलित समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतीक बन गई। इस स्थान पर विजय प्राप्त करने वाले ब्रिटिश सेना के मुख्य सैनिक दलित समुदाय के थे।
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उल्हासनगर में भी दलित समुदाय के लिए कई आंदोलनों का आयोजन किया गया है। यह एक प्रमुख स्थान है जहाँ दलित आंदोलनों और समाज सुधार आंदोलनों के साथ जुड़े कार्यों की शुरुआत हुई थी।
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नागपुर महाराष्ट्र का एक प्रमुख शहर है जहाँ डॉ. भीमराव अंबेडकर ने 1956 में बौद्ध धर्म को अपनाया था। यह स्थान आज भी दलित समुदाय के लिए एक श्रद्धा और संघर्ष का केंद्र है।
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दापोली भी एक प्रमुख स्थान है जहाँ दलित समुदाय के अधिकारों की लड़ाई चली है और समाजिक न्याय की ओर अग्रसर होने के लिए यहाँ पर कई आंदोलन हुए हैं।
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शिरपुर में भी दलित समुदाय के अधिकारों के लिए कई आंदोलनों का आयोजन किया गया। यहाँ पर कई जटिल सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को हल करने के लिए संघर्ष किया गया।