Delhi Election 2025 : इन दिनों देश भर में चुनावी माहौल है, क्योंकि जल्द ही दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसके चलते सभी की निगाहें दिल्ली की सीट पर टिकी हैं, तो आइए इस लेख में हम आपको दिल्ली में होने वाले चुनाव और दलित बहुल 30 सीटों पर जीत हासिल करने के लिए भाजपा (BJP) की खास योजना के बारे में बताते हैं।
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बीजेपी की चुनवी योजना – Delhi Election 2025
जैसा कि आप जानते हैं, इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव त्रिकोणीय होने जा रहा है। क्योंकि कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच खास मुकाबला देखने को मिलने वाला है। बीजेपी ने दिल्ली की दलित बहुल 30 सीटों पर जीत हासिल करने के लिए खास प्लान बनाया है। बीजेपी ने इन सीटों पर सघन जनसंपर्क अभियान पर फोकस किया है।
भाजपा नेताओं का कहना है कि इस अभियान से कुछ सीटों पर भाजपा की स्थिति में सुधार हुआ है। आपको बता दें कि इससे पहले 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में भाजपा 12 एससी (अनुसूचित जाति) आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों में से एक भी नहीं जीत पाई थी। इतना ही नहीं, पिछले चुनावों में भी भाजपा इन 12 सीटों में से कभी दो-तीन सीटें नहीं जीत पाई है। इसलिए इस बार भाजपा ने नई योजना बनाई है।
पार्टी चला रही कई खास अभियान
आपको बता दें कि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 12 सीटों के अलावा बीजेपी पार्टी ने 18 अन्य सीटों पर भी फोकस किया है जहां दलित मतदाताओं की अच्छी संख्या है। इनमें राजेंद्र नगर, चांदनी चौक, आदर्श नगर, शाहदरा, तुगलकाबाद और बिजवासन जैसी सीटें शामिल हैं। इन इलाकों में बीजेपी का अनुसूचित जाति मोर्चा पिछले कई महीनों से सक्रिय है। दलित मतदाताओं तक पहुंचने के लिए बीजेपी ने सोची-समझी रणनीति अपनाई है।
सघन जनसंपर्क अभियान: भाजपा ने दलित मतदाताओं से सीधे संवाद करने के लिए सघन जनसंपर्क अभियान शुरू किया है। इसका मुख्य उद्देश्य दलित समुदाय की चिंताओं और अपेक्षाओं को समझना और उनका समाधान प्रस्तुत करना है।
विशेष कार्यक्रम और आयोजन: पार्टी ने विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया है, जिसमें दलित समुदाय से संवाद और संपर्क बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
स्थानीय नेताओं की भागीदारी: भाजपा ने स्थानीय दलित नेताओं को सक्रिय करने की योजना बनाई है, ताकि वे अपने समुदाय में पार्टी की सकारात्मक छवि बनाने में मदद कर सकें।
अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित सीटें: अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित 12 सीटों के अलावा, भाजपा ने 18 अन्य सीटों पर भी ध्यान केंद्रित किया है, जहां दलित मतदाताओं की अच्छी संख्या है।
जीत के लिए बीजेपी का नया फैक्टर
हालांकि पार्टी नेताओं का कहना है कि 10 साल के शासन में आप की “विफलताओं” को उजागर करने और मोदी सरकार की सफलताओं को उजागर करने के लिए 18,000 से अधिक सक्रिय कार्यकर्ताओं को लगाया गया है। इसके अलावा जनसंपर्क अभियान में 55 से अधिक बड़े दलित नेताओं को भी शामिल किया गया है, जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री और कुछ बड़े राज्यों के सांसद भी शामिल हैं। गिहारा ने बताया कि अब तक पार्टी की ओर से 15 सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं और हर सम्मेलन में कोई न कोई वरिष्ठ भाजपा नेता मौजूद रहा।