Karnataka RB Timmapur: कर्नाटक(Karnataka) के मंत्री आर.बी तिम्मापुर (RB Timmapur) ने हाल ही में एक बयान दिया जिसमें उन्होंने कहा कि वे दलित होने के बावजूद मुख्यमंत्री (सीएम) नहीं बन सकते, क्योंकि उनके समुदाय के लोग मुख्यमंत्री के पद तक नहीं पहुंच सकते हैं। उनका यह बयान समाज में जातिवाद और राजनीतिक अवसरों के संदर्भ में महत्वपूर्ण सवाल उठाता है। तो चलिए आपको इस लेख में पुरे मामले के बारें में बातते है।
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मंत्री तिम्मापुर ने ऐसा क्यों कहा
दरअसल, हुबली में मीडिया रिपोर्सेटर्स से बात करते हुए मंत्री आर.बी तिम्मापुर ने कहा, “दलितों को मुख्यमंत्री का पद क्यों नहीं मिलना चाहिए? मैं मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनूं? अगर मैं मुख्यमंत्री बन गया तो कौन आपत्ति करेगा,” उन्होंने कहा, “मुझे यकीन नहीं है कि कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक मेरे नाम को मंजूरी देगी या नहीं। ये सभी कारक एक भूमिका निभाएंगे। अगर आलाकमान फैसला करता है, तो मैं सीएम बनूंगा।” उन्होंने कहा, “सोमवार को हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में बेलगावी कार्यक्रम पर चर्चा हुई।
बेलगावी कार्यक्रम के दौरान हाल ही में हुई विधायक दल की बैठक में किसी भी विधायक ने असंतोष नहीं जताया था। साथ ही दलित नेताओं की कोई बैठक भी रद्द नहीं की गई है। फिर दलितों का दर्द भी सुना जाना चाहिए। मंत्री आर.बी. तिम्मापुर (R.B. Timmapur)ने कहा, “मैंने त्याग की बात की है…मुख्यमंत्री बदलने पर आलाकमान फैसला करेगा।” इसके अलावा मंत्री आर.बी. तिम्मापुर ने कहा, “किसने कहा है कि सीएम सिद्धारमैया (CM Siddaramaiah ) को पद छोड़ने के लिए कहा जाएगा? मुझे सत्ता के बंटवारे के बारे में नहीं पता। मुझे कैबिनेट फेरबदल के बारे में भी नहीं पता।” तीन गायों के थन काटने की घटना के खिलाफ भाजपा के विरोध पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा ने तब विरोध किया था जब उसे दलितों की हत्या की घटनाओं की जानकारी मिली थी।
हाईकमान करेगा फैसला
मंत्री आर.बी. तिम्मापुर ने अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में मुख्यमंत्री का पद परंपरागत रूप से एक विशेष जाति या समुदाय के लोगों के लिए आरक्षित है और दलित समुदाय ( Dalit Community) को ऐसे उच्च पद तक पहुंचने में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि सत्ता में क्या फेरबदल होगा लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र( BJP state president B.Y. Vijayendra)ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में आंतरिक कलह कोई नई बात नहीं है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया दो साल पूरे करने जा रहे हैं। कांग्रेस के कई नेता मुख्यमंत्री बनने का इंतजार कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री पद (Deputy Chief Minister DK Shivakumar) पर काबिज होने के लिए बेताब हैं और अन्य नेता भी बेताब हैं। आंतरिक कलह जल्द ही सड़कों पर आ जाएगी।
हालांकि, इस बयान ने विवाद भी पैदा कर दिया है, क्योंकि कई लोग इसे जातिवाद को बढ़ावा देने वाला मान सकते हैं। वहीं, कुछ लोग इसे समाज में व्याप्त असमानता और जातिवाद के प्रति चेतावनी भरा जवाब मान रहे हैं। इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि आज भी भारतीय समाज में दलित समुदाय को समान अवसर पाने में कई तरह की सामाजिक और राजनीतिक बाधाओं का सामना करना पड़ता है।