Santosh Deshmukh Murder Case: महाराष्ट्र के बीड जिले में सरपंच की हत्या के मामले में राज्य सरकार ने न्यायिक जांच के लिए एक पैनल गठित किया है। यह पैनल इस घटना की गहराई से जांच करेगा और इसके कारणों, घटनाक्रम और संबंधित पहलुओं की जांच करेगा। पैनल को तीन से छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। तो चलिए आपको इस लेख में पुरे मामले के बारें में बताते हैं।
क्या है बीड सरपंच हत्या मामला
कुछ समय पहले महाराष्ट्र के बीड से एक ऐसा मामला सामने आया था जिसने एक बार फिर से तूल पकड़ लिया है। जी हां, महाराष्ट्र के बीड में मसाजोग के सरपंच संतोष देशमुख को 9 दिसंबर को अगवा कर लिया गया और उन्हें प्रताड़ित किया गया, जिसके बाद उनकी हत्या कर दी गई क्योंकि वह बीड जिले में पवनचक्की (Wind mill) परियोजना (Project) का संचालन कर रही एक बिजली कंपनी पर जबरन वसूली के प्रयास को रोकने की कोशिश कर रहे थे।
जिसके बाद महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी वाल्मीक कराड को जबरन वसूली के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। सरपंच की हत्या के मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने कराड को सात दिनों की हिरासत में ले लिया है।
हाल ही में जारी सरकारी आदेश के अनुसार, न्यायिक समिति यह निर्धारित करेगी कि देशमुख की मौत के लिए कोई व्यक्ति या संगठन जिम्मेदार है या नहीं। आदेश में कहा गया है कि समिति को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय सुझाने का भी काम सौंपा गया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जांच की घोषणा की
वही पिछले महीने महाराष्ट्र के परभणी जिले में पुलिस हिरासत में थर्ड डिग्री टॉर्चर के कारण सोमनाथ वेंकट सूर्यवंशी नाम के 35 वर्षीय दलित व्यक्ति की मौत हो गई थी। संविधान की प्रतिकृति के अपमान को लेकर परभणी में हुई हिंसा के सिलसिले में उसे गिरफ्तार किया गया था। इस हिंसा और प्रदर्शनों के कारण इलाके में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी, जिससे स्थानीय प्रशासन को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाना पड़ा। सरकार और पुलिस विभाग ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थिति को शांत करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया है।
लेकिन पुलिस हिरासत के दौरान सूर्यवंशी की मौत हो गई थी। इस मामले को लेकर और बीड सरपंच हत्या ममाले को लेकर maharastra के मुख्या मंत्री देवेंद्र फडणवीस जांच इस घटना की जांच के लिए एक स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रक्रिया सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। इस पैनल में वरिष्ठ न्यायिक अधिकारियों और अन्य विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा, जो मामले की निष्पक्ष जांच करेंगे और दोषियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया को तेज करेंगे। वही राज्य सरकार ने कहा है कि दोनों समितियों को तीन से छह महीने के भीतर सरकार को अपने निष्कर्ष सौंपने होंगे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पिछले महीने दोनों घटनाओं की न्यायिक जांच की घोषणा की थी।