Ajmer News: जातिवादियों का इतना डर? 75 पुलिसकर्मियों के घेरे में निकली दलित दूल्हे की बारात

Dalit Groom, Ajmer News
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Ajmer News: हाल ही में राजस्थान के जयपुर, अजमेर से एक खबर सामने आई है जहां दलित दूल्हे ने अपनी शादी के दौरान करीब 75 पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में सुरक्षा घेरा बनाया, ताकि किसी बाहरी बल या किसी भी तरह की छेड़छाड़ से बचा जा सके। जिसके बाद अजमेर के दलित दूल्हे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, तो आइए इस लेख में आपको पूरे मामले के बारे में बताते हैं।

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75 पुलिसकर्मियों के घेरे में निकली बारात

बीते दिन अजमेर से एक खबर सामने आई है जिसका विडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है । दरअसल, अजमेर के दलित दूल्हे की चर्चा सोशल मीडिया पर इस वजह से हो रही है क्योंकि उनकी शादी में एक अनोखा और महत्वपूर्ण पल सामने आया। जी हाँ क्योंकि दुल्हन के परिवार ने प्रशासन से संपर्क किया था, उन्हें डर था कि ऊंची जाति के लोग घोड़े पर बारात निकालने का विरोध करेंगे। इसलिए इस दूल्हे ने अपनी शादी के दौरान 75 पुलिसकर्मियों का एक सुरक्षा घेरा बनाया, ताकि किसी भी बाहरी ताकत या किसी प्रकार के उत्पीड़न से बचा जा सके।

वही यह सुनिश्चित किया कि पारंपरिक ‘बिंदोली’ समारोह बिना किसी परेशानी के संपन्न हो जाए, क्योंकि दूल्हा विजय रेगर मंगलवार को अरुणा खोरवाल से शादी करने के लिए घोड़ी पर सवार हुआ। अरुणा खोरवाल के परिवार ने गांव में ऊंची जाति के स्थानीय लोगों द्वारा संभावित विरोध के डर से प्रशासन से संपर्क किया था। प्रशासन ने समारोह के लिए करीब 75 पुलिसकर्मियों को तैनात किया था।

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जानिए परिवार का क्या था डर

दरअसल, बीते 20 साल पहले लवेरा गांव में इन्हीं के समाज के एक दूल्हे को शादी के दौरान दबंगों ने घोड़ी से उतार दिया था। इस दौरान भी यहां काफी हंगामा हुआ था। इसी बात को मद्देनजर रखते हुए परिवार ने पुलिस को प्रार्थना पत्र भेजा था। वही  अजमेर की पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने बताया कि, “एक परिवार ने पुलिस के समक्ष चिंता जताई थी कि वे बारात निकालना चाहते हैं और कुछ परेशानी हो सकती है। जिसके बाद तैयारी के तौर पर गांव में एक बैठक आयोजित की गई थी। जहाँ गाँव के लोगों ने भी सहयोग किया और कहा कि कोई परेशानी नहीं होगी। बारात पुलिस सुरक्षा में निकाली गई।” अरुणा के पिता नारायण खोरवाल ने मानव विकास एवं अधिकार केंद्र के सचिव रमेश चंद बंसल सहित स्थानीय कार्यकर्ताओं से भी संपर्क किया था।

जिसके बाद बंसल ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को पत्र लिखा और स्थानीय पुलिस से भी मदद मांगी, जिसके बाद कई पुलिस थानों के अधिकारियों सहित पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। दुल्हन के पिता नारायण ने कहा, “अगर हम डरे रहेंगे तो काम कैसे चलेगा। हम एक शिक्षित परिवार हैं। पहले भी शादी के जुलूसों के दौरान अप्रिय घटनाएं हुई हैं, इसलिए हमने पुलिस और कार्यकर्ताओं से संपर्क किया था।” हालांकि, परिवार ने डीजे और पटाखे नहीं जलाए।

 

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