Rohtak News: हाल ही में हरियाणा के रोहतक जिले से एक शर्मनाक खबर सामने आई है। जहाँ एक युवक ने 10वीं कक्षा के दलित छात्र के साथ कुकर्म की वारदात को अंजाम दिया है। यह एक गंभीर मामला प्रतीत होता है, तो चलिए आपको इस लेख में पुरे ममाले के बारें में बताते है।
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दलित छात्र के साथ कुकर्म
आज देश में सामान्य नियम होने के बावजूद लोग सुरक्षित नहीं हैं। गांव जैसे छोटे इलाकों में शाम ढलने के बाद अकेले नहीं जा सकते। आए दिन दलित महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों के साथ संबंध बनाने और दूसरे धर्म में धर्म परिवर्तन के कई नए मामले सामने आते रहते हैं। अब एक नया मामला सामने आया है। यह मामला भारतीय दंड संहिता लागू होने के बाद रोहतक में दुष्कर्म का पहला मामला है। इसमें एक युवक ने 10वीं कक्षा की दलित छात्र के साथ दुष्कर्म किया गया है।
जिसके बाद पुलिस ने आनन-फानन केस तो दर्ज कर लिया है, लेकिन पशोपेश में है कि आखिर किन धाराओं के तहत कार्रवाई की जाए और यदि पीड़ित दलित वर्ग से है, तो SC/ST (Prevention of Atrocities) Act, 1989 भी लागू हो सकता है, जो अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराधों को बढ़ी हुई सजा के साथ दंडित करता है।
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किन धाराओं के तहत कार्रवाई
जैसा कि आपने अपने लेख में पढ़ा, पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया है, लेकिन इस बात को लेकर असमंजस में है कि किस धारा के तहत कार्रवाई की जाए। दरअसल, बीएनएस से यह धारा हटा दी गई है। हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने इस मुद्दे पर इंटरनेट, आला अधिकारियों और कानूनी विशेषज्ञों से गहन चर्चा करने की बात कही है और मीडिया को बताया कि सदर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी 10वीं कक्षा का दलित छात्र अपनी रिश्तेदारी में जा रहा था। तभी रास्ते में दूसरे युवक ने उसे रोक लिया। जब वह जाने लगा तो उसे धमकाकर बाइक पर बैठाकर ले गया।
जिसके बाद वे दलित छात्र को खेत में ले गए और उसके साथ दुष्कर्म किया। जब पीड़ित ने विरोध किया तो उसे जान से मारने की धमकी दी। जब पीड़ित ने घटना की जानकारी अपने परिजनों को दी तो उन्होंने पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने शिकायत तो ले ली, लेकिन रिपोर्ट दर्ज करने को लेकर असमंजस में है। आपको बता दें कि ऐसे मामलों में पुलिस को कुछ मुख्य धाराओं के तहत मामला दर्ज करना चाहिए।