Attack on Labourers: हाल ही में कर्नाटक विजयपुरा से मानवता को शर्मशार करने वाली खबर सामने आई है, यहाँ विजयपुरा में एक ईंट फैक्ट्री में तीन दलित मजदूरों को अतिरिक्त छुट्टी लेने की सजा के तौर पर लाठी और रॉड से बेरहमी से पीटा गया। दलित मजदूरों के साथ इस तरह का अत्याचार न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह समाज में असमानता और भेदभाव की दुखद स्थिति को भी उजागर करता है। किसी को भी अपनी इच्छा से छुट्टी लेने या आराम करने का हक है, और इस प्रकार के शारीरिक उत्पीड़न का कोई भी औचित्य नहीं हो सकता।
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जानें क्या है पूरा मामला?
अक्सर दलितों पर अत्याचार की खबरें आती रहती हैं और अब कर्नाटक, विजयपुरा के बागलकोट जिले के जामखंडी तालुक के चिक्लिकी गांव से एक बेहद दुखद खबर आई है। जहां अतिरिक्त छुट्टी लेने पर तीन दलित मजदूरों की बेरहमी से पिटाई की गई है। दरअसल ये मजदूर संक्रांति का त्योहार मनाने के लिए मैंनेजर से एडवांस और छुट्टी पर अपने गांव घर गए थे, लेकिन जब ये मजदूर अतिरिक्त छुट्टी लेकर अपने काम पर लौटे तो ईंट फैक्ट्री मालिक के 5 ठेकेदारों ने इन तीनों मजदूरों को लोहे की रॉड से बुरी तरह पीटा और इतना ही नहीं उन्होंने उन्हें जातिसूचक भाषा में गालियां भी दीं।
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मारपीट का विडियो हुआ वायरल
इसके बाद से दलित मजदूरों की पिटाई का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसके बाद कई बड़ी पार्टियों ने मोर्चा खोल दिया है, वहीं कुछ दलित संगठनों का कहना है कि पुलिस को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा दिलानी चाहिए। इसके अलवा सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। वहीं स्थानीय पुलिस ने बताया कि इस मामले में अब तक 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और बाकी 2 आरोपियों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस मामले की जाँच में जुटी है ।
ऐसा देश हमारा !
ईंट भट्टे पर काम करने वाले तीन प्रवासी मजदुर मैंनेजर से एडवांस लेकर त्यौहार मानाने चले गए।
पास के शहर में कुछ खरीददारी की और लौटने में देरी कर दी।
इस देरी के लिए मजदूरों को ईंट भट्ठे पर जो सजा दी गई उसे देखकर खाते-पीते घर वाले परेशान हो जायेंगें।घटना #बागलकोट… pic.twitter.com/Tj46R1URwg
— Article19 India (@Article19_India) January 20, 2025
यह घटना साफ तौर पर जातिगत भेदभाव का उदाहरण है. दलित समुदाय के लोगों के साथ अक्सर ऐसा ही व्यवहार किया जाता है और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखा जाता है। यह घटना मानवाधिकारों का भी घोर उल्लंघन है। हर इंसान को सम्मान और सुरक्षा का अधिकार होता है और किसी को भी शारीरिक या मानसिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया जा सकता।