Jharia news: हाल ही में झारखंड के झरिया से एक नया मामला सामने आया है। जहां एक दलित परिवार की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया है। जिसके बाद शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने दबंगों के साथ मिलकर उनके खिलाफ गलत रिपोर्ट बनाई। और उनकी जमीन पर अवैध कब्ज़ा करा दिया। तो चलिए इस लेख में आपको पूरा मामला बताते हैं।
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जानें क्या है पूरा मामला?
दलितों पर लंबे समय से अत्याचार होते आ रहे हैं, कभी उन्हें समाज में हो रहे कामों से वंचित रखा जाता है तो कभी उनकी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया जाता है, ऐसा ही एक मामला झारखंड के झरिया से भी आया है, जी हां, झारखंड के झरिया थाना क्षेत्र के कलाली पट्टी स्थित दलित परिवार की जमीन पर एससी एक्ट की अनदेखी कर कब्जा करने और औपचारिकताएं पूरी करने का मामला पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन गया है। 23 जनवरी 25 को ही राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने इसे गंभीरता से लिया था और 10 दिनों के अंदर रिपोर्ट भेजने का अल्टीमेटम दिया था।
आयोग के वरीय अनुसंधानकर्ता मोहित कुमार ने 12 मार्च 2024 के पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि निर्धारित समय अवधि बीत जाने के बाद भी आज तक रिपोर्ट नहीं मिली है। आप अपने स्तर से इस मामले को देखें और 10 दिनों के अंदर रिपोर्ट भेजें।
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पीड़ित ने लगाया पुलिस पर आरोप
उल्लेखनीय है कि पीड़ित रवि रंजन ने आयोग और रूबी कुमारी ने पुलिस लोक शिकायत निवारण में शिकायत की थी। जहाँ पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया था कि दबंगों ने झरिया पुलिस की मदद से उसकी खतियान की जमीन पर कब्जा कर लिया है। 26 जनवरी 23 और 09 जनवरी 24 को उसके परिवार को जातिगत आधार पर गाली-गलौज, मारपीट और अन्य घटनाओं को अंजाम दिया गया। विरोध करने पर पुलिस ने दबंगों से मिलीभगत कर सुनियोजित, झूठी, तुच्छ और दुर्भावनापूर्ण जांच रिपोर्ट तैयार कर औपचारिकता पूरी कर ली। अधिवक्ता शंकर चौधरी ने कहा कि पुलिस को दलित की शिकायत पर एससी एक्ट के तहत कार्रवाई करनी चाहिए।