Union Budget 2025: बजट को समझना है? तो जानें इन शब्दों का मतलब, जो बार-बार होते हैं इस्तेमाल

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Budget:  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज सुबह संसद में बजट पेश करेंगी। इस साल के बजट में कई बड़े ऐलान होने की उम्मीद है। अगर आप भी बजट भाषण सुनने की तैयारी कर रहे हैं तो आपको कुछ अहम शब्दों का मतलब या सरल अर्थ जरूर जानना चाहिए। ऐसा करने से आप बजट को आसानी से समझ पाएंगे। तो चलिए आपको इस लेख में बजट में इस्तेमाल किए गए कुछ अहम शब्दों और उनके मतलब के बारें में बताते है।

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बजट से जुड़ी कुछ खास बातें

राजस्व घाटा (Fiscal Deficit): यह सरकार की कुल आय और कुल व्यय के बीच का अंतर होता है। जब सरकार का व्यय उसकी आय से अधिक होता है, तो उसे राजस्व घाटा कहा जाता है। राजस्व घाटा तब होता है जब सरकार की कुल आय, उसके कुल व्यय को पूरा करने के लिए काफ़ी कम होती है। यह सरकार की आय और खर्च के बीच असंतुलन को दिखाता है. राजस्व घाटा, देश की वित्तीय सेहत का एक अहम पैमाना है।

राजस्व प्राप्तियां (Revenue Receipts): यह सरकार की वे आय होती है जो उसे करों, शुल्कों और अन्य स्रोतों से प्राप्त होती है। राजस्व प्राप्तियां, सरकार द्वारा वसूले गए कर, शुल्क, ब्याज़, लाभांश, और सेवाओं के बदले मिलने वाली रकम को कहते हैं. राजस्व प्राप्तियां आवर्ती होती हैं और किसी भी व्यवसाय के लाभ और हानि को प्रभावित करती हैं।

राजस्व व्यय (Revenue Expenditure): यह सरकार का वह व्यय होता है जो वह अपने दिन-प्रतिदिन के कार्यों, जैसे वेतन, पेंशन और सब्सिडी आदि पर करती है।

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पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) यह सरकार का वह व्यय होता है जो वह परिसंपत्तियों के निर्माण, जैसे सड़कों, पुलों और भवनों आदि पर करती है।

प्रत्यक्ष कर (Direct Tax) यह वह कर होता है जो सीधे व्यक्तियों या संस्थाओं पर लगाया जाता है, जैसे आयकर और निगम कर।

अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax): अप्रत्यक्ष कर मूल रूप से ऐसे कर होते हैं जिन्हें किसी अन्य संस्था या व्यक्ति पर लगाया जा सकता है। ये आम तौर पर निर्माता या आपूर्तिकर्ता पर लगाए जाते हैं जो फिर उपभोक्ता को कर देते हैं। अप्रत्यक्ष कर का सबसे आम उदाहरण सिगरेट और शराब पर उत्पाद शुल्क है। मूल्य वर्धित कर (वैट) भी अप्रत्यक्ष कर का एक उदाहरण है।

सकल घरेलू उत्पाद (GDP):  किसी देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) किसी निश्चित अवधि, जैसे कि एक तिमाही या एक वर्ष में उसके भौगोलिक क्षेत्र में उत्पादित सभी “अंतिम” वस्तुओं और सेवाओं (अंतिम उपभोक्ता द्वारा उपभोग की जाने वाली वस्तुओं) का मूल्य है। बिक्री के लिए उत्पादों के अलावा, इसमें सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली रक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं जैसे गैर-बाज़ार उत्पाद भी शामिल हैं, लेकिन अवैतनिक कार्य (जैसे कि सामान्य घरेलू काम) और काला बाज़ार क्षेत्र को इसमें शामिल नहीं किया गया है।

मुद्रास्फीति (Inflation): यह वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में वृद्धि की दर होती है।

मौद्रिक नीति (Monetary Policy): यह वह नीति होती है जिसका उपयोग केंद्रीय बैंक मुद्रा आपूर्ति और ब्याज दरों को नियंत्रित करने के लिए करता है।

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