Muzaffarnagar News: इंसाफ की गुहार लगा रही दलित महिला टीचर, सीओ पर गंभीर आरोप

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Muzaffarnagar News: हाल ही में उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर ने दलित महिला टीचर ने ग्राम पंचायत सचिव और उसकी ग्राम प्रधान पत्नी पर शोषण का आरोप लगाया है।  दलित महिला टीचर का यह भी आरोप है कि जब उन्होंने इस मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई, तो पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। इसके अलवा दलित टीचर महिला ने  तो चलिए आपको इस लेख में पुरे मामले के बारे में बताते है।

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जानें क्या है पूरा मामला ?

हाल ही में उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है जहाँ दलित महिला शिक्षिका ने रोते हुए आरोप लगाया है कि उसके साथ न्याय नहीं हुआ। दरअसल ये मामला थाना नई मंडी क्षेत्र के ड्रीम सिटी कॉलोनी निवासी मुल्की राम की पुत्री श्रीमती डिंपल से जुड़ा है। दलित महिला टीचर डिंपल ने यह आरोप ग्राम पंचायत सचिव और उसकी ग्राम प्रधान पत्नी पर शोषण का आरोप लगाया है। साथ ही उसने महिला सीओ पर भी न्याय न मिलने का आरोप लगाया है। जिसमें आरोप लगाया है कि महिला सीओ ने 3 लाख रुपए लेकर दूसरे पक्ष को रिश्वत देकर उसके साथ अन्याय किया है।

दलित महिला टीचर ने जिलाधिकारी उमेश मिश्रा को लिखित शिकायत देकर आरोप लगाया है कि वह पिछले डेढ़ साल से परेशान होकर घूम रही है और मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत कर चुकी है, लेकिन पुलिस लगातार उसका उत्पीड़न कर रही है। महिला ने अपनी बहन, उसके जीजा और ग्राम प्रधान रहमतपुर श्रीमती रेनू पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। अपनी शिकायत में महिला शिक्षिका ने कहा है कि नई मंडी की सीओ रूपाली राव ने भी विपक्षियों से 3 लाख रुपए लेकर उसके मामले की सही जांच नहीं की है। महिला ने रोते हुए अपना वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल किया है, जिलाधिकारी ने महिला को जांच के बाद न्याय का आश्वासन दिया है।

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दलित महिलाओं के साथ अत्याचार

दलित महिलाओं के साथ अत्याचार भारत में एक गंभीर सामाजिक समस्या है। यह  पुराने समय से चली आ रही जाति व्यवस्था और सामाजिक भेदभाव का परिणाम है। दलित महिलाओं को न केवल जाति के आधार पर भेदभाव का सामना करना पड़ता है, बल्कि वे लैंगिक भेदभाव और हिंसा का भी शिकार होती हैं। इसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने दलित महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को रोकने के लिए कई कानून बनाए हैं, जैसे कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम है।

वही कई संगठन दलित महिलाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं। ताकि समाज में महिलाओ को उनके हक़ बराबर और सम्पूर्ण मिल पाए।

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