Congress: पार्टी में बड़ा फेरबदल, टॉप टीम में शामिल किए गए ओबीसी, दलित और आदिवासी नेता

Rahul Gandhi, Congress party Changes
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Congress Party: राहुल गांधी की नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने हमेशा ही सामाजिक न्याय और समानता के मुद्दों को प्रमुखता दी है। हाल के समय में, कांग्रेस की टॉप टीम में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग), दलित और आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधित्व में इजाफा किया गया है, जो राहुल गांधी के सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है।

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कांग्रेस पार्टी में बड़ा फेरबदल

कांग्रेस पार्टी में हाल ही में जो बड़ा फेरबदल हुआ है, वह पार्टी की रणनीतिक दिशा और नेतृत्व में बदलाव के संकेत देता है। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने अपनी टीम को नए तरीके से सुसज्जित किया है, जिसमें विभिन्न वर्गों और समुदायों को ध्यान में रखते हुए बदलाव किए गए हैं। इस फेरबदल में विशेष रूप से ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग), दलित और आदिवासी समुदायों को पार्टी के शीर्ष पदों पर प्रतिनिधित्व दिया गया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि पार्टी सामाजिक न्याय और समानता के मुद्दों पर अधिक फोकस कर रही है।

इसी-बीच शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने AICC में जो बदलाव किए हैं, वे राहुल गांधी के सामाजिक न्याय के विचारों को दर्शाते हैं। राहुल गांधी लगातार एससी-एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों को मुख्यधारा में लाने की बात करते हैं। वे संविधान की प्रति लेकर पूरे देश में घूम रहे हैं। AICC में हुए फेरबदल में दो राज्यों के लिए नए महासचिव और नौ राज्यों के लिए नए प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। इनमें पांच ओबीसी, एक दलित, एक मुस्लिम, एक आदिवासी और तीन सवर्ण हैं।

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ओबीसी के कई नेताओं को मिली कमान

पिछले साल 26 दिसंबर को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पार्टी में सुधारों को हरी झंडी दी गई थी। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि प्रस्तावित संगठनात्मक बदलावों से कांग्रेस नेतृत्व के पदों पर दलितों और पिछड़े वर्गों की समान भागीदारी सुनिश्चित होगी। कांग्रेस के नेतृत्व में हाल ही में की गई कुछ नियुक्तियाँ, जिसमें ओबीसी, दलित और आदिवासी नेताओं को महत्वपूर्ण पदों पर रखा गया है, यह स्पष्ट करती हैं कि राहुल गांधी का एजेंडा ‘सामाजिक न्याय’ और ‘समानता’ के सिद्धांतों पर आधारित है। इस बदलाव से यह संकेत मिलता है कि कांग्रेस पार्टी समाज के इन हिस्सों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करने का प्रयास कर रही है।

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पंजाब का प्रभारी महासचिव बनाया गया है। वे ओबीसी नेता हैं। राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया है। वे मुस्लिम चेहरा हैं। 9 AICC प्रभारियों में ओडिशा के आदिवासी नेता सप्तगिरि शंकर उलाका (मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम और नागालैंड के प्रभारी) शामिल हैं। ओबीसी नेता और उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को ओडिशा का प्रभार दिया गया है।

जाति जनगणना पर जोर दे रहे राहुल

इस बदलाव के पीछे राहुल गांधी का उद्देश्य पार्टी को पुनः मजबूत करना और देशभर में पार्टी की जड़ों को मज़बूत करना है। इसके साथ ही, यह कदम पार्टी के भीतर बेहतर समन्वय और कार्यकुशलता को भी सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। यह बदलाव कांग्रेस को युवाओं, हाशिये पर पड़े समुदायों और अन्य समूहों के साथ जोड़ने का भी प्रयास है।

इस फेरबदल में कांग्रेस पार्टी ने संगठनात्मक स्तर पर भी कई महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ की हैं, जिनसे पार्टी के भीतर एक नई ऊर्जा और दिशा का संचार हो सकता है। पार्टी की ये नई नियुक्तियाँ और फेरबदल आगामी चुनावों और राज्य स्तर पर पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से किए गए हैं। आपको बाते दें, राहुल गांधी के संसद के भाषणों में जातिगत जनगणना पर जोर देते रहते हैं। एक कांग्रेस नेता ने बताया कि एआईसीसी में जो बदलाव देखने को मिल रहे हैं वो राहुल गांधी के विचार के आधार पर ही हैं।

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