Gujarat: हाल ही में गुजरात के सुरेन्द्रनगर जिले के नगवाड़ा गांव से हैरान करने वाली खबर सामने आई है जहाँ 19 वर्षीय छात्रा, उर्वशी, मेहसाणा-विसनगर हाईवे पर स्थित बासना के पास आई मर्चेंट कॉलेज में होम्योपैथी का अध्ययन कर रही थी। उसने गुरुवार को अपने हॉस्टल के कमरे में, प्रोफेसरों के उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या कर ली। उर्वशी के पिता ने इस मामले में 4 प्रोफेसरों और प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे बताते है।
और पढ़े : Bhiwani: दलित लड़की की आत्महत्या मौत के 10 दिन बाद कॉलेज ट्रांसपोर्टर का बेटा गिरफ्तार
जानें क्या है पूरा मामला ?
उर्वशी, जो मूल रूप से सुरेन्द्रनगर जिले के नागवाड़ा गांव की निवासी थीं, होम्योपैथी कॉलेज में बीएचएमएस के पहले वर्ष की छात्रा थीं। वह कॉलेज के छात्रावास में रहकर अपनी पढ़ाई कर रही थीं। जानकारी के अनुसार, पढ़ाई के दौरान उन्हें एक प्रोफेसर द्वारा परेशान किया गया, जिसके कारण उन्होंने अपने कमरे के पंखे से लटककर आत्महत्या की।
इस घटना से चारों ओर हड़कंप मच गया। बेटी की मृत्यु की खबर सामने आने पर, मेहसाणा में रहने वाला उनका परिवार सिविल अस्पताल पहुंचा, जहां उनकी मृत अवस्था देखकर परिवार में गमगीन माहौल छा गया। दरअसल, 29 जनवरी को दलित छात्रा कि मृत्यु ने पूरे समुदाय, परिसर और कॉलेज को हिलाकर रख दिया है। इसने संस्थान को उत्पीड़न, धमकाने और दुर्व्यवहार के आरोपों के कारण जांच के दायरे में ला दिया है। छात्रों के विरोध प्रदर्शनों की लहर ने प्रशासन को चार दिनों के लिए कक्षाएं बंद करने पर मजबूर कर दिया।
चार प्रोफेसरों और प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायत दर्ज
उसके पिता ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में चार प्रोफेसरों और प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उसने आरोप लगाया कि एक प्रोफेसर ने उसे परीक्षा में फेल करने की धमकी दी थी, दूसरे ने उसे लिखित कार्य दोहराने और लंबे समय तक खड़े रहने के लिए मजबूर किया था, और तीसरे ने अनुचित टिप्पणियाँ की थीं। जब उसने प्रिंसिपल को उत्पीड़न की सूचना दी, तो उन्होंने उससे कहा कि अगर वह पढ़ाई जारी रखना चाहती है तो उसे यह बर्दाश्त करना होगा।