BNS Section 77 in Hindi: भारतीय न्यायिक संहिता (बीएनएस) की धारा 77 ताक-झांक के अपराध से संबंधित है। किसी महिला की निजी गतिविधियों को उसकी जानकारी और अनुमति के बिना देखना, रिकॉर्ड करना या फोटो खींचना अपराध है। तो चलिए आपको इस लेख में BNS की धारा 76 के बारे में विस्तार से बताते है।
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धारा 77 क्या कहती है? BNS Section 77 in Hindi
भारतीय दंड संहिता की धारा 77 में ताक-झांक का अपराध शामिल है। किसी महिला की निजी गतिविधियों को उसकी जानकारी और अनुमति के बिना देखना, रिकॉर्ड करना या फोटो खींचना अपराध माना जाता है। यह धारा किसी भी पुरुष द्वारा किसी महिला को ऐसी स्थिति में देखना या फोटो खींचना अपराध बनाती है, जब महिला को उम्मीद हो कि कोई उसे नहीं देख रहा है और उसने इसके लिए सहमति नहीं दी है।
इसका मतलब यह है कि जब कोई व्यक्ति किसी महिला को कोई निजी कार्य करते हुए देखता है और उसका फोटो या वीडियो बनाता है, जबकि महिला कोई निजी कार्य कर रही हो या ऐसी स्थिति में हो, जहां कोई उसे न देख सके, तो इसे अपराध माना जाता है।
बीएनएस धारा 77 के मुख्य बिंदु
- किसी व्यक्ति को उसकी सहमति के बिना किसी ऐसी जगह पर देखना जिसे वह पूरी तरह से निजी समझती हो, जैसे कि बाथरूम या बेडरूम।
- किसी महिला की अनुमति से बनाई गई रिकॉर्डिंग को दूसरों के साथ साझा करना।
- धारा 77 के तहत दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को कारावास और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
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धारा 77 का उद्देश्य
यह धारा महिलाओं की गरिमा और निजता की रक्षा के लिए बनाई गई है। इसका उद्देश्य उन लोगों को कठोर दंड देना है जो महिलाओं की निजता का उल्लंघन करते हैं। वही इस धारा में सजा का प्रावधान कुछ इस तरह से है की दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को तीन साल तक की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती है।
- यह धारा केवल महिलाओं के खिलाफ किए गए ताक-झाँक के अपराधों पर लागू होती है।
- यह धारा उन मामलों में भी लागू होती है जहां कोई व्यक्ति किसी महिला की सहमति से रिकॉर्डिंग करता है, लेकिन बाद में उसे उसकी सहमति के बिना दूसरों के साथ साझा करता है।
- यह धारा उन मामलों में भी लागू होती है जहां कोई व्यक्ति किसी महिला की निजी गतिविधियों को देखने के लिए किसी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का उपयोग करता है।
- यह धारा महिलाओं की सुरक्षा और निजता को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।