Meerut: जमीन के लिए जान की बाजी, हस्तिनापुर के 40 परिवारों की आत्मदाह की चेतावनी

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Uttar Pradesh news: मेरठ के हस्तिनापुर के 40 परिवारों ने संसद के सामने आत्महत्या करने की धमकी दी है। उन्होंने अपनी ज़मीन पर अवैध कब्जे के खिलाफ़ यह चेतावनी दी है। इन परिवारों का आरोप है कि कुछ दबंग लोगों ने उनकी ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया है और प्रशासन उनकी बात नहीं सुन रहा है। तो चलिए इस लेख में आपको पूरा मामला बताते हैं।

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जानें क्या है पूरा मामला?

हाल ही में उत्तर प्रदेश के मेरठ में हस्तिनापुर के जलालपुर जोरा गांव से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां गांव के अनुसूचित जाति के 40 परिवारों ने डीएम वीके सिंह को ज्ञापन देकर बताया कि गांव के कुछ प्रभावशाली लोगों ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है। वे चकबंदी भी नहीं होने दे रहे हैं। जबकि खतौनी में उनके नाम दर्ज हैं। डीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

परिवारों का आरोप है कि दबंगों ने उनकी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। वही गाँव में रहने वाले परिवारों का कहना है कि उन्होंने कई बार प्रशासन से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। न्याय न मिलने पर उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर 27 मार्च तक उनकी जमीन से कब्जा नहीं हटाया गया तो सभी 40 परिवार संसद भवन के सामने पहुंचकर आत्मदाह कर लेंगे।

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शिकायत पर नहीं हुई करवाई

जलालपुर जोरा गांव के ग्रामीणों ने डीएम वीके सिंह को दिए ज्ञापन में बताया कि गांव के 10-15 दबंगों ने उनकी जमीन पर कब्जा कर रखा है। तहसील की टीम कई बार यहां आकर जमीन की पैमाइश और निशानदेही कर चुकी है, लेकिन आरोपी जमीन खाली नहीं कर रहे हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी, मवाना तहसील के अधिकारियों से शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डीएम वीके सिंह ने कहा कि जलालपुर में चल रहे जमीन के मामले की जांच के लिए टीम गठित की जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान अजय कुमार, इंदल, बिजेंद्र, पोपिन, बबलू, माया, राजबीर, सुंदर, विजय, बबीता, नीरज, सुंदरी, पवन, राजू, सूरज आदि मौजूद रहे। बता दें, यह घटना जमीन विवाद के कारण हो रहे सामाजिक अन्याय और प्रशासन की निष्क्रियता को दर्शाती है।

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