बाबा साहेब ने देश को संविधान दिया…दलितों के उत्थान की पृष्ठभूमि तैयार की…उनकी लड़ाई के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया…बाबा साहेब ज्ञान के भंडार थे. पूरे संविधान सभा में उनसे अधिक पढ़ा लिखा कोई नहीं था. उन्होंने घर पर ही अपनी लाइब्रेरी बना रखी थी. उनकी मृत्यु के समय तक उनकी लाइब्रेरी में 35,000 से अधिक किताबें हो गई थीं. इससे आप पढ़ाई के प्रति बाबा साहेब की दृढ़ता और समर्पण का अंदाजा लगा सकते हैं. उन्होंने अपने जीवन में कई किताबें और रचनाएं लिखी. उनकी कुछ किताबें आज भी दुनिया की कई बड़ी यूनिवर्सिटीज में पढ़ाए जाते हैं.
ये है उन किताबों की सूचि
बाबा साहेब के किताबों की सूची में पहली किताब है कास्ट इन इंडिया. इसमें भारत में जाति, इसकी उत्पत्ति और इसके विकास के बारे में विस्तार से बताया गया है. 36 पेज की यह किताब 1916 में पब्लिश हुई थी.
हमारी इस सूची की दूसरी किताब है The Problem of Rupee. बाबा साहेब ने अपनी इस किताब में रुपये की समस्या और समाधान के बताया है. उनकी इस किताब का रेफरेंस आज भी दिया जाता है. इसी किताब के आधार पर आगे चलकर RBI यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना हुई थी.
बाबा साहेब की बहुचर्चित किताबों की सूची की अगली किताब है जनता. उनकी यह किताब 1930 में प्रकाशित हुई थी, जिसमें बाबा साहेब ने देश की जनता की दशा के बारे में विस्तार से बताया है. गुलामी की बेड़ियों में जकड़ी देश की जनता की स्थिति क्या है, इस पुस्तक में इसका बखूबी वर्णन किया गया है.
अगली किताब है Annihilation of Caste. बाबा साहेब की यह पुस्तक मनुवादियों पर करारा प्रहार के समान थी. उन्होंने यह पुस्तक जात-पात के विनाश के समर्थन में लिखी थी. इसका प्रकाशन 1936 में हुआ था. ध्यान देने वाली बात है कि 1935 में ही बाबा साहेब ने हिंदू धर्म त्यागने का ऐलान किया था.
डॉ अंबेडकर की अगली किताब है Federation versus Freedom. इसका प्रकाशन 1939 में हुआ था. यह किताब संघ बनाम स्वतंत्रता के हर पहलू पर गहनता से प्रकाश डालती है.
बाबा साहेब की अगली पुस्तक है थॉट्स ऑन पाकिस्तान. मुस्लिम लीग के लाहौर रिजोल्यूशन, 1940 के बाद उन्होंने 400 पृष्ठों की एक पुस्तक लिखी, जिसे थॉट्स ऑन पाकिस्तान नाम दिया. इस पुस्तक में उन्होंने सभी पहलुओं में पाकिस्तान की अवधारणा का विश्लेषण किया. इसमें उन्होंने मुस्लिम लीग की मुसलमानों के लिए अलग देश पाकिस्तान की मांग की आलोचना की.
डॉ अंबेडकर की बहुचर्चित किताबों की सूची में अगली किताब है Mr. Gandhi and Emancipation tha Untouchability. अपनी इस किताब में उन्होंने मोहनदास गांधी और कांग्रेस की नीतियों पर सवाल उठाते हुए दलितों की मुक्ति के बारे में लिखा है. इस पुस्तक का प्रकाशन 1943 में हुआ था.
अगली पुस्तक है What Congress and Gandhi have done To Untouchables. अपनी इस पुस्तक में बाबा साहेब ने दलितों के प्रति गांधी के दोहरे चरित्र को बखूबी प्रदर्शित किया है. साथ ही दलितों के प्रति तत्कालीन कांग्रेस की नीतियों पर भी करारा प्रहार किया है.
बाबा साहेब की अगली किताब है Pakistan or partition of India. उन्होंने यह पुस्तक पार्टिशन को लेकर लिखी थी. इसका प्रकाशन 1945 में हुआ था.
बाबा साहेब की बहुचर्चित किताबों की सूची की दसवीं किताब है Who were the Shudras. अपनी इस पुस्तक में उन्होंने शूद्रों की उत्पत्ति से लेकर उनके विकास और कैसे-कैसे समाज में यह दरकिनार कर दिए गए, उसके बारे में विस्तार से बताया है. बाबा साहेब की यह किताब 1948 में पब्लिश हुई थी.
बाबा साहेब ने और भी तमाम किताबें लिखी हैं, उनमें से 10 किताबों की जानकारियां हम आपके लिए लेकर आए हैं.