Sonebhadra News: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के चोपन से हैरान करने वाली खबर सामने आई है जहाँ एक दलित व्यक्ति के उत्पीड़न के मामले में पुलिस ने ज्येष्ठ खान अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पीड़ित व्यक्ति पंचर बनाने का काम करता है। तो चलिए आपको इस लेख में आपको पूरे मामले के बारे में बताते है।
और पढ़े: Uttar Pradesh: दिधौनी में गंदगी और जलभराव से ग्रामीण परेशान, अधिकारी मौन
जानें क्या है पूरा मामला?
यह घटना करीब 20 दिन पहले की है, जब कोर्ट ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। पीड़ित दलित व्यक्ति का आरोप है कि वरिष्ठ खनन अधिकारी ने उसके खिलाफ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया और उसे अपमानित किया। कोर्ट के आदेश के बाद चोपन पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए बांबे खनन अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
मारकुंडी निवासी अशोक पासवान ने विशेष अपर सत्र न्यायाधीश एसटी-एसटी की अदालत में याचिका दाखिल कर वरिष्ठ खनन अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि तीन फरवरी की शाम वह अपनी दुकान पर ट्रक का टायर ठीक करा रहे थे।
और पढ़े: Uttar Pradesh: दलित नेताओं पर मुकदमों का विरोध, बीआईएन ने सरकार को दिया एक हफ्ते का अल्टीमेटम
समाज में दलित उत्पीड़न
उसने ट्रक के हेल्पर चंद्र प्रकाश की मदद से टायर खोला और पंचर ठीक करने के बाद टायर ट्रक में लगा रहा था। तभी आगे खड़े अन्य ट्रकों की चेकिंग करते हुए वरिष्ठ खनन अधिकारी शैलेंद्र सिंह वहां पहुंच गए। उन्होंने ट्रक के चालक के बारे में जानकारी मांगी। पास में खड़े चालक जितेंद्र ने अपना परिचय दिया तो वह गाली-गलौज करने लगा। उसने बचाव का प्रयास किया तो शैलेंद्र सिंह ने उसे लात-घूंसे मारे, गाली-गलौज की और जेल भेजने की धमकी दी। तीन फरवरी को कोर्ट ने पुलिस को केस दर्ज करने के आदेश दिए। कोर्ट के आदेश पर करीब 20 दिन बाद पुलिस ने केस दर्ज किया है।
“दलित उत्पीड़न” का तात्पर्य भारत में दलित समुदायों के सदस्यों के विरुद्ध अत्याचार और भेदभाव से है। इसमें शारीरिक हमला, यौन उत्पीड़न और हत्या जैसे कई तरह के दुर्व्यवहार शामिल हो सकते हैं, साथ ही शिक्षा, रोजगार और आवास तक पहुंच से वंचित करना भी शामिल है। आपको बता दें, सरकार को इस मामले में उचित सुरक्षा प्रधान करनी चाहिए।