Haryana news: हाल ही में हरियाणा के पंचकूला के मौली गांव से खबर सामने आई है जहाँ एक दलित लड़की की शादी पुलिस सुरक्षा में शांतिपूर्वक संपन्न हुई। गांव में कुछ लोगों के विरोध के बावजूद, दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर बारात निकाली गई। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में बताते है।
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जानें क्या है पूरा मामला?
बीते दिन हरियाणा के पंचकूला में दलित परिवार की बेटी की शादी कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच संपन्न हुई। इस शादी के दौरान पंचकूला पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी, एसएचओ चंडीमंदिर रामपाल, एसएचओ रायपुररानी सोमवीर ढाका, मौली चौकी इंचार्ज रवि प्रकाश और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। दरअसल, हरियाणा के पंचकूला जिले के एक गांव में कुछ अजीबोगरीब हुआ। पुलिस सुरक्षा में भी बदमाश अपनी हरकतों से बाज नहीं आए और बारात पर हमला कर दिया। जब वे पुलिस सुरक्षा में बग्गी लेकर लड़की के घर की ओर जा रहे थे, तो गांव के सरकारी स्कूल के पास पहले से मौजूद कुछ लड़कों ने उन्हें रोकने की कोशिश की और बग्गी चालक के साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी।
जिसके बाद जैसे-तैसे पुलिस ने माहौल को शांत करवाया और पिंजौर थाना क्षेत्र के मौली गांव में भारी पुलिस बल की मौजूदगी में लड़की की शादी कराई गई। इस बीच जब लोगों ने दूल्हे के घोड़ी पर चढ़ने का विरोध किया तो 200 पुलिसकर्मियों को तैनात करना पड़ा। वही बताया जा रहा है कि सुबह से लेकर लड़की की विदाई तक पुलिस की टीमें गांव में मौजूद रहीं।
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पुलिस ने खदेड़ा
मामले को लेकर गांव में तनाव की स्थिति बन गई। अंबाला से कस्बे में आई बारात में दूल्हे के बग्गी पर सवार होने को लेकर विवाद हुआ था। इसको लेकर कस्बे में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था और पुलिस ने शादी होने तक दूल्हे और उसके परिवार को कड़ी सुरक्षा में रखा और शादी शांतिपूर्वक संपन्न हुई। इस दौरान पुलिस दूसरे पक्ष के लोगों को मौके से खदेड़ती नजर आई।
आपको बता दें, यह घटना सामाजिक भेदभाव और जातिवाद की समस्या को उजागर करती है। आज भी कई जगहों पर दलितों को बराबरी का दर्जा नहीं दिया जाता और उन्हें अपनी परंपराओं का पालन करने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस मामले में पुलिस ने सक्रिय भूमिका निभाई और सुनिश्चित किया कि शादी शांतिपूर्ण तरीके से हो। यह घटना यह संदेश भी देती है कि प्रशासन सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है।