BNS Section 101 in Hindi: भारतीय न्यायिक संहिता (बीएनएस) धारा 101, हत्या से संबंधित है। इस धारा में कहा गया है कि जानबूझकर किसी व्यक्ति की जान लेना या ऐसी चोट पहुँचाना जिससे मृत्यु होने की संभावना हो, उसे हत्या माना जाएगा। यदि किसी कार्य के परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसे भी हत्या माना जाएगा यदि वह कार्य जानबूझकर किया गया हो या इस ज्ञान के साथ किया गया हो कि इससे मृत्यु हो सकती है। तो चलिए जानते हैं ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।
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धारा 101 क्या कहती है? BNS Section 101 in Hindi
भारतीय न्यायिक संहिता बीएनएस (BNS) की धारा 101 यह धारा हत्या को किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनने के रूप में परिभाषित करती है, यदि कार्य इस इरादे से या इस ज्ञान के साथ किया जाता है कि इससे मृत्यु होने की संभावना है। जैसे कि कोई यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर कोई कार्य करता है और यह जानता है कि इससे उसकी मृत्यु हो सकती है, तो उसे हत्या माना जाएगा।
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बीएनएस धारा 101 के उदाहरण
बीएनएस धारा (BNS Section) 101 के कुछ उदाहरण कुछ इस प्रकार हैं कि…उदाहरण 1 –A, B नामक व्यक्ति पर चाकू से वार करता है, जिससे B की मृत्यु हो जाती है। यदि A का इरादा B की मृत्यु का कारण बनना था, या यदि वह जानता था कि ऐसी शारीरिक चोट से सामान्यतः मृत्यु होने की संभावना होती है, तो A ने हत्या का अपराध किया है और उसे BNS की धारा 101 के अंतर्गत दंडित किया जा सकता है।
C एक इमारत में आग लगाता है, यह जानते हुए कि अंदर बहुत से लोग सो रहे हैं और आग लगने से उनकी मृत्यु हो सकती है। कुछ लोग आग में मर जाते हैं। यहाँ, भले ही C का किसी विशेष व्यक्ति को मारने का इरादा न रहा हो, लेकिन चूँकि वह ऐसा कार्य कर रहा था जिससे मृत्यु होने की संभावना थी और वह इस जोखिम को जानता था, C ने हत्या का अपराध किया है और उसे धारा 101 के अंतर्गत दंडित किया जा सकता है।
जानिए बीएनएस धारा 101 सजा का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 101 के तहत मिलाने वाली सजा कुछ इस तरह है कि…बीएनएस की धारा 101 में हत्या के लिए कठोर दंड का प्रावधान है, जिसमें आजीवन कारावास, मृत्युदंड और जुर्माना शामिल है। भीड़ द्वारा हत्या के मामलों में भी उतनी ही कठोर सजा का प्रावधान है।