Prayagraj dalit murder case: बीते कुछ दिन पहले उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में एक दलित व्यक्ति की जिन्दा जला कर हत्या का मामला सामने आया था, जिसमें लड़की से बात करने को लेकर विवाद हुआ था। मृतक की पहचान देवी शंकर के रूप में हुई है। पुलिस ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में मामला प्रेम प्रसंग की रंजिश का निकला। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में बताते है।
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घटना का विवरण
बीते 12 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में दलित युवक देवीशंकर को जिंदा जलाने की दर्दनाक घटना सामने आई है, जिससे इलाके में भारी तनाव है। घटना के बाद दलित समुदाय में गुस्सा फूट पड़ा और ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपियों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चला दिया।
इस मामले में मृतक के बुजुर्ग पिता अशोक कुमार की शिकायत पर दिलीप सिंह उर्फ छोट्टन, अजय सिंह, विनय सिंह, मनोज सिंह, सोनू सिंह उर्फ संजय, शेखर सिंह, मोहित व अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की हत्या की धारा समेत दलित एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। वही अब तक 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि मुख्य आरोपी विनय सिंह फरार है। वही मृतक की मां ने हत्यारों के लिए फांसी की सजा की मांग की है। बता दें, इस मामले को लेकर विपक्षी दलों ने योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। प्रशासन ने पीड़ित परिवार को न्याय और हर संभव मदद का भरोसा दिया है।
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गेहूं के खेत में काम करने से मना करने पर हत्या
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एसीपी वरुण कुमार ने जानकारी दी कि “इसोटा गांव की एक महिला मृतक देवी शंकर और मामले के एक आरोपी से बात करती थी। इसी बात को लेकर दोनों के बीच तनाव बढ़ गया, जो आखिरकार देवी शंकर की हत्या का कारण बना।” एसीपी ने यह भी कहा कि देवी शंकर की हत्या तब की गई जब उसने गेहूं के खेत में काम करने से मना कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया, “उसे इसी बहाने ले जाया गया था, लेकिन वहां पहुंचकर सभी ने पहले शराब पी। इसके बाद उस महिला को लेकर उनके बीच बहस हुई, जो देवी शंकर की हत्या का कारण बनी।”
बता दें, पुलिस ने मामले की जांच जारी रखी है और अन्य संदिग्धों की तलाश कर रही है। जिला प्रशासन ने मुख्य आरोपी द्वारा सरकारी जमीन पर बनाई गई झोपड़ी को भी ध्वस्त कर दिया है। इस घटना से इलाके में तनाव फैल गया है और दलित समुदाय में गुस्सा है।