आज के समय में चमार रैप गर्ल गिन्नी माही और निशा गौतम जैसे स्टार्स दलितों की पहचान को विश्व स्तर तक लेकर जा रहे हैं. खुद की पहचान के साथ साथ अपने समाज की पहचान को एक नया आयाम दे रहे हैं. बाबा साहेब पर गिन्नी माही के गानें पूरी दुनिया में धूम मचा रहे हैं. लेकिन इससे पहले भी एक ऐसे ही दलित सिंगर हुए थे, जिन्होंने दलितों को संवारने की कसम खाई थी. लेकिन ऊंच जाति के लोगों ने उनके साथ जो किया, उसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी.
जिन गानों से मनुवादियों के खून खौल उठते थे
पंजाब के लुधियाना के पास दुगरी गांव में रविदासिया सिख चमार समुदाय में 1960 में चमकीला का जन्म हुआ. माता का नाम करतार कौर और माता का नाम हरि सिंह संडीला था. चमकीला का परिवार काफी गरीब था. ऐसे में उनकी पढ़ाई लिखाई वहीं के प्राइमरी स्कूल में हुई. कुछ समय बाद लुधियाना के एक कपड़ा मिल में उन्हें काम मिल गया. जहां काम करते करते वह गानें लिखता और गाता भी था. धीरे धीरे चमकीला की आवाज लोगों को पसंद आने लगी.
दलित परिवार में जन्म लेने वाला चमकीला अब हारमोनियम और ढोलकी बजाना सीख चुके थे. कुछ ही समय बाद चमकीला ने मोहम्मद सादिक और शिंदा जैसे पंजाबी लोक कलाकारों के साथ काम करना शुरु कर दिया. चमकीला के लिखे गानें समाज को जागरुक कर रहे थे. सिंगिंग करियर में अपना करियर बनाने से पहले उन्होंने पंजाबी लोक गायक शिंदा के लिए कई गानें लिखें. हालांकि, अब चमकीला को लोग पसंद करने लगे थे. ऐसे में चमकीला अकेले शो भी करने लगे थे.
चमकीला की पॉपुलारिटी काफी ज्यादा बढ़ चुकी थी. दलित समाज से निकला एक शख्स अपने बलबूते सफलता के झंडे गाड़ रहा था. इसी कड़ी में वह 8 मार्च 1988 को पंजाब के मेहसामपुर में अपना शो करने जा रहे थे. वह मेहसामपुर पहुंच गए लेकिन जैसे ही गाड़ी से बाहर निकले, किसी ने उन्हें गोली मार दी. अपराधी मोटरसाइकिल पर सवार थे. अपराधियों ने चमकीला, उनकी पत्नी और उनके गायक साथी को भी मार दिया.
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस गोलीबारी के संबंध में कभी कोई जांच नहीं हुई. किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई और यह मामला कभी हल नहीं हुआ. जिसके कारण चमकीला की हत्या का रहस्य आज तक सुलझा नहीं है. हत्या के पीछे किसका हाथ था, हत्या का मोटो क्या था, किसने चमकीला की हत्या कराई थी, ऐसे सवाल आज भी गूंजते रहते हैं, लेकिन इसका जवाब किसी के पास नहीं है. उनकी हत्या के बाद तमाम तरह के अलग अलग अनुमान लगाए गए.
हत्या का कारण
कुछ लोग उनकी हत्या को ऑनर किलिंग का मामला बताते हैं क्योंकि चमकीला ने अपनी जाति से बड़ी जाति के लड़की से प्यार किया था और शादी की थी. इसलिए बड़ी जाति के लोगों को यह बर्दाश्त नहीं हुआ और चमकीला उनके शिकार बन गए. वहीं, कुछ लोग उनकी हत्या के पीछे खालिस्तान का हाथ बताते हैं क्योंकि खालिस्तानियों को लगता था कि चमकीला के गाने समाज में बुरा संदेश फैला रहे हैं. पंजाब की स्थिति उस समय डांवाडोल थी, ऐसे में चमकीला का हत्यारा कौन था, आज तक यह गुत्थी सुलझ नहीं पाई है.