क्या चमार एक गाली है? क्या चमार होना कोई अपराध है? क्या चमार होना आपको देहाती होने का सर्टिफिकेट दे देता है? ये सारे सवाल सिर्फ उन लोगों के दिमाग में आ सकते हैं जिन्होंने अपनी जाति के कारण समाज में अपमान का जहर पी रखा है। कहने को तो हम 2024 में जी रहे हैं, हमारे पास आधुनिक तकनीक है, लेकिन हमारे पास आज के समय की आधुनिक सोच क्यों नहीं है, हम किसी व्यक्ति को उसकी जाति और रंग-रूप देखकर क्यों आंकते हैं…इन दिनों रैपर नैजी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह चमार जाति पर अभद्र टिप्पणी करते दिख रहे हैं…
जो लुच्चे बेकार है
जो टुच्चे चमार है!
जो कुछ नहीं कमा रहे
जो सब कुछ गवा रहे है..
भाई क्या लेवे इनसे राय जो खुद ही गवार है!
नैजी का यह गाना ‘आफत’ है जिसे उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड किया है। यह गाना 8 जनवरी 2014 को अपलोड किया गया था। इस गाने में नैजी साफ तौर पर चमार समुदाय के बारे में बहुत कुछ कह रहे हैं। इस गाने को 11 मिलियन लोग देख चुके हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि नैजी ने चमार को लेकर जो रैप इस्तेमाल कर रहे है, उस पर किसी का ध्यान नहीं है। हालांकि, कुछ कमेंट ऐसे भी हैं जिन पर लोग यह मुद्दा उठा रहे हैं कि नैजी किस तरह चमार समुदाय को गाली दे रहे हैं।
कुछ लोग ऐसे भी हैं जो नैज़ी के रैप की तारीफ़ कर रहे हैं. उन्हीं लोगों की वजह से ऐसे गाने लोकप्रिय हैं और वे इन लोगों को दूसरे समुदायों और जातियों के लोगों का अपमान करने का लाइसेंस दे रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि नैज़ी पर ‘गली बॉय’ नाम से एक फ़िल्म भी बनी है जिसमें दिखाया गया है कि कैसे एक झुग्गी-झोपड़ी वाला लड़का अपनी ज़िंदगी की परिस्थितियों से लड़ता है और रैप इंडस्ट्री में अपना नाम कमाता है। चमार जाति के लोग भी यही काम करते हैं, वे भी परिस्थितियों से लड़कर अपना नाम कमाते हैं लेकिन इसके बाद भी लोग उन्हें सम्मान देने में कठिनाई महसूस करते हैं।
यदि हम चमार शब्द के अर्थ पर गौर करें तो स्पष्ट है कि चमार का अर्थ एक भारतीय जाति का सदस्य है जिसका परम्परागत जातिगत व्यवसाय चमड़े का काम है। तो फिर एक शाब्दिक अर्थ किसी का अपमान करने का लाइसेंस कैसे बन गया? बेहतर होगा कि हम ऐसे लोगों का समर्थन करने के बजाय, उन्हें बायकॉट करें…