Sonbhadra news: यह मामला सोनभद्र जिले के एक गाँव का है, जहाँ एक व्यक्ति ने एक दलित युवती के घर में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में बताते है।
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जानें क्या है पूरा मामला?
भारत में दलित महिलाओं के साथ बलात्कार एक गंभीर समस्या है। यह न केवल एक जघन्य अपराध है बल्कि जाति-आधारित भेदभाव और भेदभाव का एक रूप भी है। दलित महिलाओं पर अक्सर बलात्कार का आरोप लगाया जाता है क्योंकि उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति अस्थिर होती है। यह अपराध न केवल शारीरिक और मानसिक आघात का कारण बनता है बल्कि यह उनके जीवन को भी अस्थिर कर देता है। जी हाँ ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में भी हुआ था जहाँ इस घटना के 11 साल बीत जाने के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
दरअसल, सोनभद्र विशेष एससी/एसटी कोर्ट ने 11 साल पुराने दुष्कर्म के मामले में फैसला सुनाया है। जज आबिद शमीम की कोर्ट ने आरोपी अमर शेखर दुबे उर्फ देवा दुबे को दोषी करार दिया है। घटना 19 मार्च 2014 की है। दोपहर में दलित लड़की अपने घर में अकेली थी। इसी बीच बारी महेवा गांव निवासी देवा दुबे घर में घुस आया। उसने लड़की का मुंह बंद कर दिया और उसके साथ दुष्कर्म किया।
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अदालत ने दोषी को सुनाई 7 साल की सजा
आरोपी ने पीड़िता को जान से मारने की धमकी भी दी। शोर सुनकर लोग आ गए तो वह भाग गया। पीड़िता की मां ने 28 मार्च 2014 को थाने में तहरीर दी। जांच के बाद पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट ने गवाहों के बयान और तमाम साक्ष्यों की जांच की। इसके बाद देवा दुबे को दोषी पाया गया।
कोर्ट ने आरोपी को 7 साल सश्रम कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। जुर्माने की राशि में से 40 हजार रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील सी शशांक शेखर कात्यायन ने दलीलें पेश कीं।