Rajasthan News: हाल ही में राजस्थान के ब्यावर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां कुछ युवकों ने स्कूली छात्राओं को अपने जाल में फंसाकर उनका शारीरिक शोषण किया और ब्लैकमेल करके धर्म परिवर्तन करने का दबाव डाला। इस मामले में पीड़िता ने आरोपियों के नापाक मंसूबों और ब्लैकमेल कांड की पूरी कहानी बताई है। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में बताते है।
Also Read: Bihar news: दलित बस्ती में दहशत, घर तोड़कर दलित मजदूर किया बेदखल
जाने क्या है पूरा मामला ?
33 साल पहले राजस्थान के अजमेर जिले में स्कूली छात्राओं के साथ जो गैंगरेप और ब्लैकमेलिंग कांड हुआ। ठीक वैसा ही कांड अब ब्यावर जिले में सामने आया है। राजस्थान में अजमेर संभाग के बिजयनगर थाना क्षेत्र में स्कूली छात्राओं को जाल में फंसाकर उनका शारीरिक शोषण और धर्म परिवर्तन के लिए ब्लैकमेल करने के मामले में हर दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। इस ब्लैकमेल मामले में आरोपी सोहेल हुसैन और मोहम्मद लुकमान ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने माना कि उन्होंने छात्राओं को मोबाइल फोन दिए और उनके साथ छेड़छाड़ की कोशिश की।
ब्यावर जिले में हुए इस ब्लैकमेल मामले में 5 आरोपियों को रिहान मोहम्मद, सोहेल मंसूरी, साहिल कुरैशी, अरमान पठान और लुकमान उर्फ सोहेब को गिरफ्तार किया गया, जबकि नाबालिग आरोपियों को हिरासत में लिया गया। मंगलवार को कोर्ट ने 5 आरोपियों को पुलिस रिमांड पर भेज दिया। यह मामला सामने आने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, अभी भी कुछ आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। इस घटना ने एक बार फिर समाज में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा कर दी है।
Also Read: Kushinagar news: दलित युवती से छेड़खानी और जान से मारने की धमकी, युवक पर हुआ मुकदमा दर्ज
शारीरिक शोषण और ब्लैकमेलिंग की शिकार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़िता के बताया, आरोपियों ने उसे और उसकी सहेलियों को डरा-धमका कर अपने साथ गलत काम करने के लिए मजबूर किया। उन्होंने लड़कियों के आपत्तिजनक वीडियो बना लिए और उन्हें वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करते रहे। पीड़िता ने बताया कि आरोपियों ने उसे कहा था कि “ब्राह्मण की छोरी को बेचेंगे तो 20 लाख रुपये मिलेंगे और तुझे (दलित) बेचेंगे तो 10 लाख रुपये मिलेंगे।”
पीड़िता ने बताया कि उन लड़कों से उसकी दोस्ती कैसे हुई और ब्लैकमेलिंग का यह कांड कैसे शुरू हुआ, इस बारे में पीड़िता ने बताया कि सोहेल मंसूरी नाम का एक लड़का स्कूल से लेकर घर तक उसका पीछा करता था। उसने करीब 15 दिनों तक ऐसा किया। वह रास्ते में अपने नंबर लिखे हुए letter फेंकता था।
एक दिन मैंने उसे फोन किया और उससे बात की, उसने मुझे मिलने के लिए बुलाया। फिर मैं उससे मिलने एक कैफे में गई और वहां मेरे साथ कुछ बुरा हुआ। वहां सोहेल मंसूरी के दोस्त भी थे। उसने वहां मेरी फोटो खींची और उसके बाद वह मुझे मेरे दोस्त से बात करवाने के लिए परेशान करने लगा। आपको बता दें कि इस घटना का पैटर्न 1992 में हुए अजमेर बलात्कार कांड से हुबहू मेल खाती है, जब इसी समुदाय के लड़कों ने 100 से अधिक लड़कियों का वर्षों तक यौन शोषण किया था।