दलित छात्र को प्रवेश न मिलने पर अखिलेश यादव का बीजेपी पर हमला

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Akhilesh Yadav attacks BJP : बीएचयू के एक दलित छात्र शिवम सोनकर के समर्थन में अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार से सवाल किया है कि क्या पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) पीएचडी नहीं कर सकते हैं? तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में बताते है।

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अखिलेश यादव का सवाल

हाल ही में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीएचयू के पीएचडी दाखिलों को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर बीएचयू के पीएचडी आवेदक शिवम सोनकर का वीडियो पोस्ट किया। उन्होंने भाजपा सरकार से सीधा सवाल पूछा: “क्या पीडीए पीएचडी नहीं कर सकते?”

दरअसल, शिवम सोनकर बीएचयू के सामाजिक समावेश अध्ययन केंद्र में पीएचडी प्रवेश में अनियमितताओं को लेकर कुलपति आवास के सामने धरने पर बैठे थे। अखिलेश यादव ने शिवम सोनकर का समर्थन करते हुए बीजेपी सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है। अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार दलितों और पिछड़ों के साथ भेदभाव कर रही है।

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शिवम सोनकर का धरना प्रदर्शन 

गुरुवार को मछलीशहर विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने धरना स्थल पर शर्ट उतारकर प्रदर्शन कर रहे शिवम से मुलाकात की। इस दौरान विधायक सोनकर ने कहा कि वह अनुसूचित जाति के छात्र शिवम को पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया से बाहर किए जाने के खिलाफ विश्वविद्यालय में चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन का समर्थन करती हैं। रात में उन्होंने इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर लाइव भी किया।

उन्होंने कहा कि शिवम सोनकर को न्याय मिलना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इस मामले में सपा विधायक रागिनी सोनकर ने भी शिवम सोनकर से मुलाकात की और उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया। रागिनी सोनकर ने बीजेपी सरकार पर दलितों के प्रति उदासीन होने का भी आरोप लगाया।

धरनास्थल को बनाया अपना घर 

शिवम वीसी लॉज के पास धरनास्थल को शिवम ने अपना घर बना लिया है। वह वहीं खाना पकाता, खाता, नहाता और कपड़े धोता है। वह सड़क पर किताबें रखकर पढ़ाई भी करता है। बीएचयू ने इस मुद्दे पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है। विपक्ष और संसद में यह मामला उठने के बाद बीएचयू पर काफी दबाव आ गया है। नियमों की बाध्यता के कारण उसे प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।

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