Badaun News: दिधौनी में गंदगी और जलभराव की समस्या एक गंभीर मुद्दा है जो स्थानीय निवासियों के लिए कई तरह की परेशानियां पैदा कर रहा है। इससे संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया है, लेकिन अभी तक इस मामले पर कोई करवाई नहीं हुई है। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में बताते है।
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जानें क्या है पूरा मामला?
भारत में दलित बस्तियों की हालत बहुत खराब है। इन बस्तियों में रहने वाले लोगों को अक्सर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार यह समस्या जातिगत भेदभाव के कारण भी होती है। दलित बस्तियों में अक्सर स्वच्छ पानी, सफाई और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव रहता है। इसका लोगों के स्वास्थ्य और सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है। कई बस्तियों में तो सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं। जी हां, उत्तर प्रदेश के दिधौनी की दलित बस्ती से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां इलाके के लोग पिछले कई वर्षो से जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं।
इलाके के लोगों का कहना गंदगी के कारण गांव में संक्रामक रोग फैलने का खतरा काफी बढ़ गया है। जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। प्रधान व विकास खंड के अधिकारियों को कई बार समस्या से अवगत कराया गया। लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। गांव निवासी अयोध्या प्रसाद, शेर सिंह, हरीराम, प्रकाश सिंह, मोहर सिंह, वीर सिंह, तिलक सिंह आदि ने डीएम से गांव के उक्त रास्ते का निर्माण व सफाई कराए जाने की मांग की है। जिससे गांव में किसी प्रकार का संक्रामक रोग न फैले।
प्रशासनिक कदम
वही स्थानीय प्रशासन को इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए और उचित कार्रवाई करनी चाहिए। सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए और उन्हें उचित उपकरण उपलब्ध कराए जाने चाहिए। कुछ खबरों में यह भी बताया गया है कि दिधौनी गांव में दलित बस्ती के लोग कई सालों से गंदगी और दूषित जलभराव की समस्या से परेशान हैं।
ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।यह जरूरी है कि स्थानीय प्रशासन और निवासी मिलकर इस समस्या का समाधान निकालें ताकि दिधौनी में रहने वाले लोगों को एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण मिल सके।