Bihar: कांग्रेस में पहली बार दलित अध्यक्ष राजेश कुमार की नियुक्ति, सियासी मायने क्या?

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Bihar Election: बिहार कांग्रेस में हुए हालिया बदलावों में विधायक राजेश कुमार को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। यह फैसला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है और इसे कांग्रेस पार्टी की रणनीति में अहम बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है। तो चलिए आपको इस लेख में कांग्रेस पार्टी के बिहार में हुए फेरबदल के बारे में बताते है।

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दलित नेतृत्व पर जोर

बिहार में इस साल नवंबर-दिसंबर के महीने में चुनाव होने वाले हैं, जिसके लिए सभी प्रमुख पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी हुई हैं। हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने बिहार में बड़ा बदलाव करते हुए विधायक राजेश कुमार को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। पहली बार कांग्रेस पार्टी ने किसी दलित नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। यह नियुक्ति बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। कांग्रेस पार्टी आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीति को मजबूत करने में जुटी है और राजेश कुमार की नियुक्ति इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

बता दें, राजेश कुमार दलित नेता हैं और उनकी नियुक्ति को कांग्रेस द्वारा बिहार में दलित समुदाय को लुभाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। यह कांग्रेस के पुराने दौर की याद दिलाता है, जब पार्टी दलितों और कमजोर तबकों से जुड़ने पर खास ध्यान देती थी। कांग्रेस पार्टी ने साफ संकेत दिया है कि वह बिहार में दलित राजनीति को अपने दम पर मजबूती से आगे बढ़ाना चाहती है।

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राजेश कुमार का कनेक्शन

कुटुंबा विधानसभा से कांग्रेस विधायक राजेश कुमार को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के फैसले को पार्टी के रणनीतिक कदम के तौर पर देखा जा रहा है। आपको बता दें, राजेश कुमार के पिता स्वर्गीय दिलकेश्वर राम जगजीवन राम के बाद कांग्रेस में दलित समुदाय के सबसे सर्वमान्य नेता रहे हैं। उनके सरल और सौम्य व्यवहार से हर कोई प्रभावित रहा है। पार्टी में हर वर्ग के नेताओं खासकर पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय सत्येंद्र नारायण सिन्हा के वे चहेते रहे हैं।

राजेश और उनके पिता का चेहरा और कार्यशैली भी मिलती जुलती है। इस वजह से पार्टी में राजेश की छवि भी दिलकेश्वर राम से मिलती जुलती देखी जा रही है। वैसे भी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस आलाकमान पुराने नेताओं की जगह नई पीढ़ी के ऊर्जावान नेताओं को बढ़ावा दे रही है। इसकी पहली झलक युवा तुर्क कन्हैया कुमार को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई रोजगार दो यात्रा में दिखी और यात्रा शुरू होने के कुछ ही दिनों बाद पार्टी ने राजेश कुमार को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप दी है और दोनों की यह ट्यूनिंग दो बड़े वर्ग के वोटों को पार्टी से जोड़ने में मददगार हो सकती है।

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