Villupuram news: हाल ही में तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले के मवानता को शर्मशार करने वाली खबर सामने आई है जहाँ एक सरकारी हाई स्कूल में दलित छात्र के साथ हुई बर्बरता की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना ने एक बार फिर जातिवाद के घिनौने चेहरे को उजागर किया है। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में बताते है।
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घटना का विवरण
बीते कुछ दिन पहले तमिलनाडु के विल्लुपुरम के अगरम सरकारी हाई स्कूल में एक शारीरिक शिक्षा शिक्षक ने छठी कक्षा के 11 वर्षीय दलित छात्र को इतनी बेहरमी के साथ पीटा , जिससे उसकी खोपड़ी में फ्रैक्चर हो गया। यह हमला इतना क्रूर था कि छात्र को गंभीर चोटें आईं और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
दरअसल, मारपीट के बाद, लड़के ने कथित तौर पर धुंधली दृष्टि की शिकायत की और उसे पुडुचेरी के जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (JIPMER) में भर्ती कराया गया। बाद में उसकी तंत्रिका क्षति के लिए सर्जरी की गई। जिसके बाद विल्लुपुरम पुलिस ने घटना के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की।
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घटना के बाद प्रतिक्रिया
इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कई सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। हालांकि, विल्लुपुरम के पुलिस अधीक्षक (एसपी) पी. सरवनन ने द न्यूज मिनट को बताया कि हमले के दिन सेंगेनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी और 15 मार्च को स्कूल शिक्षा विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया था।
वही सरवनन ने प्रेस को बताया, “पुलिस को दी गई शिकायत के अनुसार, लड़के को उसके शारीरिक शिक्षा शिक्षक सेंगेनी ने हाथों पर मारा था। बाद में, जब वह अस्वस्थ हो गया, तो उसे अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसके सिर में तंत्रिका क्षति का निदान किया। हमने तंत्रिका क्षति का कारण निर्धारित करने के लिए JIPMER से चिकित्सा सलाह मांगी है, क्योंकि कोई बाहरी चोट नहीं है।”
इसके अलवा एसपी ने कहा कि सेंगेनी पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज नहीं किया गया है क्योंकि वह एससी समुदाय से संबंधित है। हालांकि, उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर बदल दी जाएगी।