Chhatarpur News : बीते दिन मध्य प्रदेश के छतरपुर से छुआछूत का मामला सामने आया है, जिसके बाद 5 ग्रामीणों का सामाजिक बहिष्कार किया गया है. इसे लेकर ग्रामीणों ने पुलिस- प्रशासन से शिकायत भी की है, तो चलिए आपको इस लेख में पुरे मामले के बारें में बताते हैं.
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जानें क्या है पूरा मामला
जहां एक तरफ समझ में एकता का पाठ पढाया जा रहा है. समाज में जातिवाद और छुआछूत की कुरीतियां खत्म किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh) के छतरपुर (Chhatarpur) जिले से छुआ- छूत और सामाजिक बहिष्कार काdalit मामला सामने आया है. दरअसल, छतरपुर (Chhatarpur) के अतरार गांव में एक दलित ने हनुमान मंदिर में पुजारी के माध्यम से प्रसाद चढ़वाया और फिर गांव के पांच ग्रामीणों को बांट दिया, इसका पता जब सरपंच संतोष तिवारी को लगी दलित का छुआ प्रसाद खाने पर पांच ग्रामीणों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया, इसके अलावा गांव वालों ने कई तरह के आरोप भी लगाए हैं.
जिसके बाद से पीड़ित परिवार को मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने से भी रोका जा रहा है. इसकी शिकायत उन्होंने आज एसपी को दी है, जिस पर बिजावर एसडीओपी पुलिस का कहना है कि इस मामले की जांच की जाएगी और जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.
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मानवाधिकारों का हनन
बता दे यह घटना स्पष्ट रूप से मानवाधिकारों का हनन है. सभी को समानता और सम्मान का अधिकार है, चाहे उनकी जाति या धर्म कुछ भी हो उन्हे भी सरकारी सेवा का लाभ मिलाना चयिए वही ऐसी घटनाएं समाज में तनाव और अशांति पैदा करती हैं और सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ती हैं। इसके अलवा अगर ऐसे मामलों में दोषियों को सजा नहीं मिलती है, तो यह कानून के शासन को कमजोर करता है। हालाँकि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए, लोगों को जातिवाद और छुआछूत के खिलाफ जागरूक होना होगा वही जातिवाद और छुआछूत के खिलाफ बने कानूनों का सख्ती से पालन होना चाहिए.