Dalit MP Manoj Kumar: हाल ही में कांग्रेस सांसद मनोज राम ने 30 जनवरी को कैमूर जिले में उन पर हुए हमले के बारे में लोकसभा में अपनी व्यथा सुनाई। उन्होंने आरोप लगाया कि दलित होने के कारण उनकी पिटाई की गई। तो चलिए आपको इस लेख में पुरे मामले के बारे में बताते है।
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जानें क्या है पूरा मामला ?
बिहार के सासाराम से कांग्रेस सांसद मनोज राम ने हाल ही में एक घटना के बारे में बताया, जिसमें उन्हें दलित समझकर मारा गया और उनके ड्राइवर को गंभीर चोटें आईं। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाएं सामाजिक विभाजन और भेदभाव की गंभीरता को दर्शाती हैं। मनोज राम ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है और समाज में समरसता की आवश्यकता पर जोर दिया है।
इसके अलवा उन्होंने अल्पसंख्यकों ने आरोप लगाया कि उन्हें दलित और हीन समझकर मारा गया। प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। उन्होंने अपने हिस्सेदारों और हिस्सेदारों पर उन्हें जेल में डालने का भी आरोप लगाया। आपको बता दें कि कैमूर जिले के कुदरा में सांप्रदायिक विवाद में हमला कर मनोज राम का सिर फोड़ दिया गया था। उनके ड्राइवर और रिश्तेदारों के साथ भी मार-पीट की गयी थी।
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ड्राईवर के साथ मारपीट
कांग्रेस सांसद मनोज राम ने हील ही में संसद के बजट सत्र में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि 30 जनवरी को वे सदन आने के लिए निकले थे। तभी रास्ते में पैक्स चुनाव जीतने वाले सुनील कुमार का जुलूस निकाला जा रहा था। सांसद मनोज राम ने कहा कि मेरा स्कूल भी वहीं है। मेरे ड्राइवर ने स्कूल का हवाला देते हुए शोर कम करने को कहा। इस पर वे भड़क गए और दो ड्राइवरों की बेहरमी से पिटाई कर उन्हें अधमरा कर दिया।
जिसके बाद मेरे दोनों भाई आए और किसी तरह हाथ जोड़कर माहौल को शांत कराया लेकिन थोड़ी देर बाद गांव के ही कुछ अपराधी बंदूक और तलवार लेकर आ गए और स्कूल पर हमला कर दिया। मनोज ने आगे बताया कि जब वह समझाने गए तो उन पर भी पत्थरों से हमला कर दिया गया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए जिसके बाद उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाना पड़ा और वहां से उन्हें पटना रेफर कर दिया गया।
वही कुछ लोगों के मुताबिक, जमीनी विवाद को लेकर यह मारपीट हुई थी। लोगों का कहना है कि सांसद के भाई का ग्रामीणों के साथ जमीन को लेकर कुछ विवाद चल रहा था. ऐसे में ग्रामीण सांसद और उनके भाई से नाराज थे।