Dalit Girl raped in Ayodhya: हाल ही में अयोध्या से दलित बच्च के साथ रेप करने का मामला सामने आया है। यह घटना 25 दिसंबर को हुई थी। जहाँ पास में रहने वाला पड़ोसी बच्ची को बहला-फुसला कर अपने घर ले गया, जिसके बाद दुष्कर्म के कर छोड़कर भाग गया । यह घटना बेहद शर्मनाक और निंदनीय है। यह न सिर्फ एक बच्ची के साथ हुआ अपराध है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक कलंक है।
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जानें क्या है पूरा मामला ?
भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले थम ने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। इसी-बीच उत्तरप्रदेश, अयोध्या के खण्डासा से एक नया विवादित मामला सामने आया है, जहाँ 11 साल की बच्ची को बहला-फुसला कर पडोसी अपने घर ले गया, जिसके बाद दुष्कर्म के कर छोड़कर भाग गया। दरअसल, यह घटना 25 दिसंबर को हुई थी। वही जब बच्ची के परिजन बच्ची की खोजबीन कर रहे थे तो बच्ची नहीं मिली जिसके बाद दुष्कर्म करने वाले व्यक्ति ने बच्ची को घर के पास छोड़ दिया । जिसके बाद पीड़ित बच्ची ने अपने माता – पिता को आपबीती बताई और तभी पीड़ित बच्ची के माता-पिता ने शहरी थाने में शिकायत दर्जा करवाई थी । जिसके बाद दुष्कर्म करने वाले व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया। वहीं पुलिस ने बच्ची को मेडिकल की जांच के लिए भेजा, इसके अलवा मामले की जाचं की जा रही हैं ।
इसके अलवा भारत में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों से निपटने के लिए प्रभावी कानून और न्यायिक प्रक्रियाओं को सख्त होने आति आवश्यक है।
महिलाओं के खिलाफ अपराध दर सबसे ज्यादा
भारत में हर 1500 महिलाओं में से एक महिला हर साल किसी न किसी अपराध का शिकार होती है। यह आंकड़ा राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) का है। NCRB के अनुसार, 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध दर 66.4 प्रति लाख थी। यानी हर एक लाख महिलाओं पर 66.4 अपराध हुए। लेकिन कुछ राज्यों में यह आंकड़ा राष्ट्रीय औसत से काफी ज्यादा है। दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध दर सबसे ज्यादा है। यहां हर एक लाख महिलाओं पर करीब 150 अपराध दर्ज हुए। यानी हर 700 महिलाओं में से एक महिला किसी न किसी अपराध का शिकार हुई। दूसरी तरफ, उत्तर-पूर्वी राज्य महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित हैं। असम को छोड़कर, इन राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध दर राष्ट्रीय औसत से कम है। NCRB के आंकड़े बताते हैं कि भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध एक गंभीर समस्या है। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि ये आंकड़े सिर्फ दर्ज मामलों के हैं। बहुत से मामले पुलिस तक पहुंचते ही नहीं हैं।
इस घटना से जुड़ी कुछ बातें जो ध्यान देने योग्य हैं
- दलितों के साथ होने वाला अत्याचार – यह घटना एक बार फिर दलित समुदाय के लोगों के साथ होने वाले अत्याचारों को उजागर करती है। दलितों को समाज में अभी भी कई तरह के भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।
- महिलाओं के खिलाफ अपराध – यह घटना महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों की एक और मिसाल है। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार और समाज दोनों की जिम्मेदारी है।
- कानून व्यवस्था की चुनौती – इस घटना से यह भी पता चलता है कि कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने की कितनी जरूरत है। अपराधियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
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