Indore news: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में मंगलवार को एक ऐसी घटना हुई, जहां एक दलित युवक की बारात में दबंगई दिखाई गई। निहालपुर मुंडी गांव में जब दलित दूल्हा विशाल चौहान अपनी बारात लेकर राम मंदिर पहुंचा तो खाती समाज के कुछ दबंग लोगों ने उसे मंदिर में घुसने से रोक दिया। उनका कहना था कि यह उनका निजी मंदिर है और किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं है। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में बताते है।
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मंदिर में प्रवेश करने से रोका
दलितों पर अत्याचार के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. हर रोज राज्य के किसी न किसी हिस्सें से ऐसी खबरें सामने आती है जो मानवता को शर्मसार करती है…इसी बीच खबर है कि मध्य प्रदेश के इंदौर से खबर सामने आई है जहाँ एक बार फिर दलित दूल्हे को मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया गया यह मामला निहालपुर मुंडी में हुआ जब दूल्हा भगवान के दर्शन के लिए मंदिर की ओर बढ़ा तो वहां जमा भीड़ ने उसे रोक दिया। दूल्हा घोड़ी से उतरकर मंदिर की ओर बढ़ा, लेकिन ग्रामीणों ने उसे आगे बढ़ने से रोक दिया।
जिसके बाद दूल्हे के परिवार ने बताया कि उन्होंने इस घटना की सूचना पहले ही पुलिस को दे दी थी, लेकिन पुलिस समय पर नहीं पहुंची। दूल्हे को मंदिर के गेट पर ही खड़ा रहना पड़ा, जिसकी वजह से वह अंदर जाकर पूजा नहीं कर सका। इसके बाद जब पुलिस ने आकर दोनों पक्षों को समझाया तो दूल्हे को मंदिर के बाहर से ही दर्शन करने की इजाजत दी गई, जिसके बाद बारात आगे बढ़ी।
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दलित समाज में काफ़ी आक्रोश
इस घटना से दलित समुदाय में काफ़ी रोष है। दूल्हे के भाई ने आरोप लगाया कि उसे गांव के किसी भी मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया क्योंकि वह बलाई समुदाय से था। उसने यह भी कहा कि घटना की तस्वीरें और वीडियो सामने आने के बाद उसे धमकियाँ मिल रही हैं।
यह घटना जातिगत भेदभाव का एक और दुखद उदाहरण है, जहाँ एक व्यक्ति को सिर्फ़ इसलिए धार्मिक स्थल में प्रवेश करने से रोक दिया गया क्योंकि वह दलित है। यह घटना समाज में व्याप्त जातिवाद की गहरी जड़ों को दर्शाती है और इस समस्या से निपटने की ज़रूरत पर ज़ोर देती है।