Cricketer Shailesh Rai: हाल ही में दलित उत्पीड़न का मामला विवाद सामने आया हैं जिसमें एक क्रिकेटर को दलित उत्पीड़न के आरोप में केस दर्ज होने के बाद गंभीर मानसिक और शारीरिक परेशानी का सामना करना पड़ा। रिपोर्ट के अनुसार, क्रिकेटर को जब इस मामले में केस दर्ज होने का पता चला, तो उन्हें अत्यधिक सदमा हुआ और इसके बाद उनके सीने में दर्द की शिकायत हुई। हालत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई।
और पढ़े: कैसे बना लाडनूं का गर्ल्स कॉलेज आनंदपाल का टॉर्चर हाउस
क्या है पूरा मामला जानें
भदोही के सुरियावां थाना क्षेत्र के रहने वाले 28 साल के राज्य स्तरीय क्रिकेटर शैलेश राय की मंगलवार दोपहर में अबूझ हाल में मौत हो गई। परिजनों ने दावा किया कि दलित उत्पीड़न का केस दर्ज होने के बाद से वह तनाव में चल रहा था केस दर्ज होने के बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और सीने में तेज दर्द हुआ। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। बता दें, कि उक्त गांव में एक विवादित जमीन पर महड़ा रखने को लेकर क्रिकेटर के परिजनों एवं दलित बस्ती के लोगों के बीच इसी महीने सात दिसंबर को विवाद हुआ था।
उस दौरान दलित पक्ष ने महहा फूंकने का आरोप लगाया था। पुलिस ने प्रकरण में क्रिकेटर शैलेश राय के साथ ही परिवार के अन्य पांच सदस्यों पर 10 दिसंबर को दलित उत्पीड़न समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था। मृतक क्रिकेटर के चाचा संजय राय ने बताया कि केस दर्ज होने की जानकारी के बाद से ही भतीजा सदमें में था। उसकी तबियत अचानक खराब होने लगी ची। मंगलवार को सीने में तेज दर्द हुआ और एक निजी अस्पताल ले जाने पर मृत घोषित कर दिया गया। आरोप लगाया कि पुलिस ने फर्जी मुकदमे में फंसाने का काम किया, जिससे पूरा परिवार अपसेट चल रहा है। इसका भतीजे को गहरा सदमा लगा।
और पढ़े: SC Commission office Inauguration: आखिर दलित नेताओं को क्यों नहीं दिया न्योता
विवादित जमीन का मामला
वही प्रभारी निरीक्षक अरविंद कुमार गुप्ता ने बताया कि सात दिसंबर को जमीनी मामले में विवाद हुआ था। 10 दिसंबर को शांति देवी नामक महिला की जहरीर पर क्रिकेटर समेत परिवार के पांच सदस्यों के खिलाफ दलित उत्पीड़न समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया था। क्रिकेटर की मौत की जानकारी से इनकार किया। उपर, गांव के लेखपाल रजनीश कुमार बघेल ने बताया कि विवादित जमीन का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। निर्माण होने की सूचना पर पुलिस संग पहुंच कर उसे रॉकवाने का काम किया गया था। वहीं दूसरी तरफ यह घटना दलित उत्पीड़न के गंभीर मुद्दे को उजागर करती है।
दलित उत्पीड़न के शिकार
आपको बता दें, हमारे समाज में आज भी दलितों के साथ भेदभाव होता है और उन्हें उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। हमे न्याय की व्यवस्था में सुधार की जरूरत है दलितों को न्याय दिलाने के लिए न्याय की व्यवस्था में सुधार लाना जरूरी है। इसके अलवा हमें दलितों के अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत है और समाज में जातिवाद को खत्म करने के लिए काम करना होगा।