Mayawati News: बांग्लादेश में हालिया हिंसा और अशांति के बीच बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार से एक महत्वपूर्ण मांग की है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में रह रहे दलितों और हिंदुओं को सुरक्षित भारत में वापस लाया जाए। मायावती का कहना था कि बांग्लादेश में हिंदू और दलित समुदाय के लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, और वहां की हिंसा और उत्पीड़न के कारण उनका जीवन संकट में है। बांग्लादेश में सबसे ज्यादा मुस्लिम और दलित है. वहां हिंसा का सबसे ज्यादा शिकार दलित वर्ग हो रहा है. ऐसे में सरकार अपनी जिम्मेदारी को बढ़-चढ़ कर निभाए. वहां की सरकार से बातचीत कर शोषण से शिकार लोगों को भारत वापस लाया जाए.
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बसपा प्रमुख मायावती ने क्या कहा
(BSP) Chief Mayawati: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने शनिवार को मोदी सरकार से आग्रह किया कि वह बांग्लादेश से दलितों और अन्य हिंदुओं की भारत वापसी की सुविधा प्रदान करे। उन्होंने बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों पर कथित चुप्पी के लिए कांग्रेस की भी आलोचना की , जबकि संभल में मुस्लिम वोटों के लिए समर्थन जताया। बसपा सुप्रीमो ने लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में मीडिया से बातचीत में कहा, “अब जब उनका (दलितों और अन्य हिंदुओं का) शोषण हो रहा है, तो कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल होने के बावजूद उनकी दुर्दशा पर चुप है और केवल मुस्लिम वोटों के लिए संभल-संभल चिल्ला रही है। इस मामले में कांग्रेस, सपा और उनकी समर्थक पार्टियां एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।”
मायावती ने आगे बात करते हुए केंद्र सरकार से अपील की कि वे इन समुदायों की मदद के लिए प्रभावी कदम उठाए और उन्हें भारत में शरण देने की व्यवस्था करें। उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम भारतीय लोकतंत्र और मानवाधिकारों के सम्मान में एक महत्वपूर्ण कार्य होगा। इसके अलवा मायावती ने आगाह करते हुए कहा, “इतना ही नहीं, ये पार्टियां मुस्लिम समुदाय, तुर्क और गैर-तुर्क को आपस में लड़ा रही हैं, जिससे मुस्लिम समुदाय को भी सतर्क रहना होगा।” यह बयान तब आया है जब बांग्लादेश में कुछ समय से धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं और दलितों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं। मायावती की मांग में इस समुदाय के सुरक्षित भविष्य और उनके अधिकारों की रक्षा पर जोर दिया गया है।
संभल में हाल ही में हुई हिंसा – Mayawati News
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के संभल जिले में हाल ही में हुई हिंसा को लेकर विभिन्न रिपोर्टें सामने आई हैं। यह हिंसा 2024 के दिसंबर माह में एक धार्मिक और सामाजिक विवाद से जुड़ी हुई बताई जाती है। जिसके कारण इलाके में तनाव बढ़ गया। हिंसा के बाद सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी, और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए कई कदम उठाए थे। वही उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के बाद देश में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। यह घटना तब हुई जब अदालत द्वारा नियुक्त एक टीम मुगलकालीन मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची। अदालत ने एक याचिका पर सुनवाई के बाद सर्वेक्षण का आदेश दिया जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद से पहले उस स्थान पर मंदिर था। बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा भारत में भी राजनीतिक चर्चा का केंद्र बिंदु बन गई है। ये हमले 5 अगस्त के बाद शुरू हुए, जब शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई और बड़े पैमाने पर हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद वह भारत भाग गईं। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश (Bangladesh) में दलितों की पीड़ा के लिए भी कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने विभाजन के समय बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के साथ कांग्रेस द्वारा किए गए बुरे व्यवहार को भी कांग्रेस की “गलतियां” बताया।
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संभल में मुस्लिम समुदायों को आपस में लड़वा रही कांग्रेस और सपा- मायावती
मायावती (Mayawati News) ने कहा कि संसद में विपक्ष देश व जनहित के मुद्दे न उठाकर अपने राजनीतिक स्वार्थ के मुद्दे उठा रहा है. खासकर सपा व कांग्रेस पार्टी संभल में हुई हिंसा के बहाने मुस्लिम मतदाताओं को खुश करने की कोशिश में लगी हुई है, लेकिन अब तक इन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर कुछ नहीं बोला है. ये केवल अपने मुस्लिम वोटरों को खुश करने में लगी हुई हैं. इन्हें अन्य मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि इतना ही नहीं, ये पार्टियां संभल में मुस्लिम समुदायों को आपस में लड़वा रही हैं. मुस्लिम समुदाय को भी सतर्क रहना होगा. मायावती ने चंद्रशेखर आज पर तंज कसते हुए कहा कि इससे भी ज्यादा दुख की बात है कि जिनके वजह से दलित वर्ग के सांसद संसद में पहुंचे हैं, वो भी अपने पार्टियों के आकाओं को खुश करने के लिए दलित उत्पीड़न के मुद्दों पर चुप बैठे हैं.