देश में कितने ब्राह्मण और कितने दलित मुख्यमंत्री? यहां जानिए इन सवालों के जवाब

Caste of all Chief Ministers
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Caste of all Chief Ministers: हाल के वर्षों में, भारतीय राजनीति में राज्यपाल और मुख्यमंत्री की नियुक्तियां जाति, समुदाय, और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के आधार पर होती रही हैं। भारतीय राज्यों में 30 मुख्यमंत्री का चयन विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, जिनमें राजनीतिक दल, क्षेत्रीय आकांक्षाएँ, और जातिगत समीकरण शामिल हैं। यदि आप विशेष रूप से देश के 30 राज्यों के मुख्यमंत्री की सूची देखना चाहते हैं, तो इसमें उन राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे जो विभिन्न दलों से होते हैं। जैसे कि महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस (ब्राह्मण), उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (राजपूत), मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान (क्षत्रिय), और गुजरात में भूपेंद्र पटेल (Patel) शामिल हैं।

देवेंद्र फडणवीस वर्तमान में राज्य में डिप्टी मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। वही देवेंद्र फडणवीस ब्राह्मण समुदाय से आते हैं। वे महाराष्ट्र के एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं और उनके परिवार का राजनीति में लंबा इतिहास रहा है।

इनके अलावा, कई अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी विभिन्न जाति और समुदायों से आते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ मुख्यमंत्री आदिवासी समुदाय, जैसे कि झारखंड में हेमंत सोरेन (आदिवासी) से आते हैं। भारत में जाति व्यवस्था और सामाजिक संरचना के प्रभाव के कारण मुख्यमंत्री आमतौर पर अपनी जाति, समुदाय या पृष्ठभूमि के आधार पर चुनावी रणनीतियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इसके अलावा, कुछ मुख्यमंत्री जैसे नवीन पटनायक (उड़ीसा), के. चंद्रशेखर राव (तेलंगाना) और पुडुचेरी के वी. नारायणसामी (पार्टी और समुदाय के बजाय राजनीतिक कार्यकर्ताओं से भी अपनी विशेष पहचान के कारण प्रसिद्ध हैं।

4 राज्यों की कमान ब्राह्मणों के पास

भजनलाल शर्मा ब्राह्मण समुदाय से आते हैं. 2023 में बीजेपी ने उन्हें राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी ब्राह्मण हैं. विधानसभा के एक सत्र में हिमंत ने खुद को कन्नौज मूल का बताया था. 2021 में हिमंत को असम की जिम्मेदारी मिली है. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी ब्राह्मण ही हैं. वही तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी सवर्ण समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. रेवंत जिस रेड्डी समुदाय से र आते हैं, वो तेलंगान में अपर कास्ट की श्रेणी में शामिल है. तेलंगाना और आंध्र की सियासत में रेड्डी समुदाय का काफी दबदबा है.

इसी तरह चंद्रबाबू नायडू कम्मा समुदाय से आते हैं और आंध्र में यह समुदाय जनरल कैटेगरी की श्रेणी में शामिल हैं.

देश में एक भी दलित मुख्यमंत्री नहीं – Caste of all Chief Ministers

2022 के बाद से भारत में अब तक कोई दलित मुख्यमंत्री नहीं बना है। हालांकि, कई दलित नेताओं ने राज्य और केंद्र स्तर पर महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जैसे कि कांशीराम, भीमराव अंबेडकर, मायावती, और रामविलास पासवान। वे भारतीय राजनीति में दलित अधिकारों की आवाज उठाने वाले प्रमुख नेता रहे हैं, लेकिन अब तक किसी दलित नेता को राज्य का मुख्यमंत्री बनने का मौका नहीं मिला है। हालांकि, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना जैसे राज्यों में दलित डिप्टी सीएम जरूर हैं.

सीएम कुर्सी पर ठाकुरों का भी वर्चस्व

भारत में मुख्यमंत्री के पद पर ठाकुरों (जो आमतौर पर राजपूत समुदाय से संबंधित होते हैं) का वर्चस्व एक महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक विषय है। इस समुदाय का भारत के विभिन्न हिस्सों में, खासकर उत्तर भारत और कुछ अन्य राज्यों में, लंबा राजनीतिक इतिहास रहा है। इस समुदाय के कुछ प्रमुख नेताओं ने राज्य और केंद्र स्तर पर मुख्यमंत्री जैसे उच्च पदों पर कार्य किया है। Caste of all Chief Ministers. 

उत्तर प्रदेश में ठाकुर समुदाय का मुख्यमंत्री के रूप में काफी प्रभाव रहा है। अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी) के अलावा, ठाकुर समुदाय से कई नेता मुख्यमंत्री बने हैं, वही उत्तराखंड में भी ठाकुरों का काफी प्रभाव है। इस राज्य में ठाकुर समुदाय से जुड़े कई मुख्यमंत्री बने हैं, जैसे भुवन चंद्र खंडूरी, हरीश रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत इसके अलवा राजस्थान में भी ठाकुरों का प्रभाव ज्यादा है, जहां वसुंधरा राजे और सुरजमल कुमावत जैसे नेता मुख्यमंत्री के पद पर रहे हैं। आपको बता दें, इस वक़्त देश के 5 राज्यों में अभी ठाकुर समुदाय के मुख्यमंत्री हैं. इनमें योगी आदित्यनाथ का नाम सबसे आगे है. वही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी ठाकुर समुदाय के ही हैं. मणिपुर के एन बीरेन सिंह भी ठाकुर समुदाय से ही आते हैं. वही दिल्ली की नवनियुक्त मुख्यमंत्री आतिशी भी ठाकुर जाति से ही ताल्लुक रखती हैं.

देश में अल्पसंख्यक मुख्यमंत्री

  • जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला मुस्लिम समुदाय से आते हैं, जो भारत में अल्पसंख्यक का दर्जा रखता है. इसी तरह सिख समुदाय के भगवंत मान भी पंजाब के मुख्यमंत्री हैं. सिखों को भी भारत में अल्पसंख्यक का दर्जा मिला हुआ है.
  • ईसाई धर्म को मानने वाले कोनार्ड संगमा मेघालय के मुख्यमंत्री हैं. मिजोरम के मुख्यमंत्री ललदुनहोवा भी ईसाई धर्म को मानते हैं. अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू बुद्धा धर्म से आते हैं. सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग भी बौद्ध धर्म से ताल्लुक रखते हैं.

सीएम की कुर्सी पर 2 नास्तिक भी – Caste of all Chief Ministers

  • तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्रविड़ समुदाय से आते हैं, लेकिन स्टालिन अक्सर भारत की जाति व्यवस्था पर सवाल उठाते हैं. स्टालिन एक मंत से खुद को नास्तिक भी बता चुके हैं. स्टालिन के बेटे उदयनिधि अमूमन हिंदू धर्म पर निशाना साधते रहे हैं.
  • इसी तरह केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन एझवा समुदाय से आते हैं. केरल में इसे ओबीसी का दर्जा प्राप्त है, लेकिन विजयन भी जाति व्यवस्थआ के खिलाफ रहते हैं. कई मौकों पर विजयन जाति व्यवस्था को सबसे घातक बता चुके हैं.

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भारत में वर्तमान में चार आदिवासी मुख्यमंत्री

  • नेफ्यू रियो – नेफ्यू रियो नगालैंड के मुख्यमंत्री हैं, जो अंगामी नगा ट्राइब से ताल्लुक रखते हैं. नगालैंड में इसे आदिवासी का दर्जा प्राप्त है.
  • मोहन माझी – इसी तरह ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन माझी भी आदिवासी समुदाय से आते हैं.
  • विष्णुदेव – 2023 में छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री बनाए गए. साय भी आदिवासी समुदाय के हैं.
  • हेमंत सोरेन – झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी आदिवासी समुदाय से आते हैं.

ओबीसी मुख्यमंत्रियों की लिस्ट

कुर्मी समुदाय से आने वाले नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं. वही  गुजरात के मुख्यमंत्री भूपिंदर पटेल भी ओबीसी समुदाय से आते हैं.  इसके अलवा ओबीसी के सैनी समुदाय से आने वाले नायब सिंह सैनी हरियाणा के मुख्यमंत्री हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी अहीर जाति के हैं,  इसी तरह पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगास्वामी भी ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और  त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा भी ओबीसी समुदाय से आते हैं. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी पिछड़े समुदाय से ताल्लुक रखते हैं

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