भाई चंद्रशेखर की जीत ने हम दलितों के आत्मविश्वास को सांतवें आसमान पर पहुंचाने का काम किया है…चंद्रशेखर दलित राजनीति के नये सितार बनकर उभरे हैं…चंद्रशेखर के पीछे पूरा दलित समाज खड़ा है और लोकसभा चुनाव 2024 में नगीना लोकसभा सीट से चंद्रशेखर की जीत, हर दलित और पिछड़े मतदाता की जीत है..दलित समाज अब चंद्रशेखर में ही अपना भविष्य देख रहा है…मायावती की पार्टी बीएसपी इस बार फिर पूरे देश में 1 सीट पर भी जीत हासिल नहीं कर पाई वही दूसरी ओर नगीना लोकसभा सीट से भाई चंद्रशेखर की जीत का अंतर करीब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत के अंतर इतना रहा…ऐसे में आप चंद्रशेखर आजाद की राजनीतिक पकड़ को आसानी से समझ सकते हैं…यह चंद्रशेखर की लोकप्रियता ही है कि चुनाव से पहले उन्हें दुत्कारने वाली पार्टियां अब उन्हें लुभाने में जुटी हुई है…कांग्रेस नेता उन्हें ऑफर दे रहे हैं…ऐसे में इस बात पर चर्चा तेज है कि संसद में चंद्रशेखर किसे समर्थन देंगे…क्या चंद्रशेखर INDIA अलायंस के साथ आएंगे या वो NDA को समर्थन देंगे..
चंद्रशेखर दलित राजनीति के नया सितार
दरअसल, इस बात पर चर्चा इसलिए छिड़ गई है क्योंकि उत्तर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया के बेटे और बाराबंकी से नवनिर्वाचित सांसद तनुज पुनिया ने चंद्रशेखर आज़ाद को इंडिया अलायंस में शामिल होने का न्योता दिया है। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर संविधान का सम्मान करने वाले नेता हैं और इसलिए वे संविधान का उल्लंघन करने वालों के साथ नहीं जा सकते। उन्होंने चंद्रशेखर को अपने साथ आने का ऑफर दिया।
चंद्रशेखर की तारीफ करते हुए तनुज पुनिया ने कहा कि उन्हें देखकर बहुत अच्छा लगा। वह वंचित समाज से आगे आए हैं, जो सराहनीय है। सांसद का चुनाव जीतना आसान नहीं है और बिना किसी बड़ी पार्टी के समर्थन के इसे जीतना बहुत बड़ी बात है।
नगीना सीट से जीत के बाद चंद्रशेखर आजाद एक बड़े दलित नेता के रूप में उभरे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि समय तय करेगा कि वह दलित चेहरा होंगे या बड़े नेता। अगर चंद्रशेखर समाज के साथ रहेंगे और उनके मुद्दों के लिए लड़ते रहेंगे तो वह एक बड़े चेहरे के रूप में उभर सकते हैं। उनका अब तक का काम सराहनीय है।
दूसरी ओर गठबंधन को लेकर चंद्रशेखर आजाद काफी स्पष्ट रहे हैं..उनका कहना है कि वह एनडीए और INDIA Alliance दोनों से समान दूरी बनाए रखेंगे और अगर भारतीय जनता पार्टी या एनडीए गठबंधन में वंचित और वंचित वर्ग के साथ कोई अन्याय होता है तो वह अपनी आवाज उठाते रहेंगे। इन सबके बीच चंद्रशेखर आजाद ने ये भी कहा कि अगर एनडीए उन्हें प्रधानमंत्री भी बना देता है तो भी वह उस गठबंधन में शामिल नहीं होंगे। वहीं, INDIA Alliance को लेकर पहले ही आज़ाद अपना रुख साफ कर चुके हैं कि वह किसी भी गठबंधन के साथ नहीं जाएंगे.
गौर करने वाली बात यह भी है कि चुनाव से पहले चंद्रशेखर आजाद को INDIA गठबंधन के करीब देखा जा रहा था। इस बात के पूरे आसार थे कि INDIA अलायंस की ओर से उन्हें सीट दिया जा सकता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ और आखिरी वक्त में अखिलेश यादव से उनकी बातचीत टूट गई। इसके बाद उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया और अपनी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़कर इतिहास रच दिया. अब चंद्रशेखर अपने दम पर काफी बड़ी जीत हासिल कर चुके हैं और दूसरी ओर INDIA अलायंस को समर्थन की आवश्यकता है, ऐसे में अब वो चंद्रशेखर को लुभाने में लगे हैं. लेकिन फिलहाल चंद्रशेखर किसी भी गठबंधन के साथ जाने के मूड में नहीं हैं.
आपको बता दें कि चंद्रशेखर पिछले करीब 10 सालों से जमीन पर एक्टिव हैं और दलित समाज की आवाज उठाते रहे हैं. 2015 में भीम आर्मी का गठन हुआ..यूपी के साथ-साथ देश के कई राज्यों में इस संगठन ने अपनी पकड़ बनाई..2017 में सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव हिंसा मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई…उन पर NSA लगा…जेल में उन्हें टॉर्चर किया गया…2018 में वो जेल से रिहा हुए..वह मायावती और बीएसपी का समर्थन चाहते थे…उनके साथ जाना चाहते थे लेकिन मायावती ने उनके साथ आने की संभावना को बूरी तरह से नकार दिया था…इसके बाद साल 2020 में उन्होंने आजाद समाज पार्टी की स्थापना की..2022 में सीएम योगी के खिलाफ गोरखपुर शहरी सीट से चुनाव लड़ा लेकिन चौथे नंबर पर रहे..इसके बावजूद वो लगे रहे और अब लोकसभा चुनाव 2024 में उन्होंने झंडा गाड़ दिया है.
चंद्रशेखर आज़ाद ने दलित और मुस्लमि बहुल नगीना लोकसभा सीट पर भाजपा के ओम कुमार को 1.5 लाख से अधिक मतों से हराया। अपनी जीत को लेकर नगीना सांसद ने कहा, “मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं। नगीना में दलितों और पिछड़े मुसलमानों का गठबंधन बना है। अगर मुझे यूपी में भी यही मौका मिला तो यूपी में बड़ा बदलाव आएगा। राजनीति एक कला है जिसे समझने में बहुत समय लगा। हम वंचित हैं लेकिन हमें लड़ना है ताकि हमारा समाज वंचित न रहे।” चंद्रशेखर ने किसी भी गठबंधन को समर्थन देने से फिलहाल इनकार किया है लेकिन राजनीति में चीजें कब कैसी हो जाए, यह कोई नहीं जानता..ऐसे में आने वाले समय में स्थिति क्या होगी, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं…