दलितों-आदिवासियों को मिले बजट में उचित हिस्सा, राहुल गांधी ने की कानून बनाने की मांग

Rahul Gandhi, Rahul Gandhi calls for Dalit Community
Source: Google

Rahul Gandhi: राहुल गांधी ने हाल ही में दलित और आदिवासी समुदाय के शोधकर्ताओं, कार्यकर्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उन्होंने एक राष्ट्रीय कानून की मांग की है जिसके तहत केंद्रीय बजट का एक निश्चित हिस्सा दलितों और आदिवासियों के लिए सुनिश्चित किया जा सके। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में बताते है।

और पढ़े: Raibareli News: दलित परिवार की मदद के लिए उतरे राहुल गांधी, भेजी राहत सामग्री!

सरकारी योजनाओं को बजट

पिछले कुछ समय से कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए कई योजनाएं बना रहे हैं। उन्होंने कई बड़ी रैलियों में दलित कल्याण का मुद्दा उठाया है और पार्टी को मजबूत करने की बात कही है। बीते दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मांग की है कि दलितों और आदिवासियों के लिए बनाई गई सरकारी योजनाओं को बजट में उचित हिस्सा मिले, इसके लिए कानून बनाया जाना चाहिए।

उन्होंने दलितों और आदिवासियों को सत्ता में हिस्सेदारी दिलाने के लिए ठोस कदम उठाने की भी अपील की। ​​राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने हाल ही में दलित और आदिवासी समुदायों से जुड़े शोधकर्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। राहुल गांधी का मानना ​​है कि इन समुदायों के विकास और कल्याण के लिए ऐसा कानून बहुत ज़रूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि कर्नाटक और तेलंगाना में ऐसे कानून पहले से ही मौजूद हैं और इन समुदायों को इससे बहुत फ़ायदा हुआ है।

और पढ़े: दलितों और पिछड़े वर्गों को हर संस्थान में टॉप लेवल पर देखना चाहते हैं राहुल गांधी?

मोदी सरकार पर साधा निशान

आगे बात करते हुए राहुल गांधी के कहा कि यूपीए सरकार के दौरान भी राष्ट्रीय स्तर पर दलितों और आदिवासियों के लिए “उप-योजनाएं” शुरू की गई थीं, लेकिन मोदी सरकार के दौरान इस प्रावधान को कमजोर कर दिया गया है और बजट का बहुत कम हिस्सा इन वर्गों तक पहुंच रहा है। इसके अलवा गांधी ने सोशल मीडिया पर साझा की गई पोस्ट में लिखा कि ‘दलित और आदिवासी लंबे समय से अधिकारों और प्रतिनिधित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। आज हमें इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि उन्हें सत्ता में भागीदारी और शासन में आवाज देने के लिए और क्या ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।’

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, ‘हमें एक राष्ट्रीय कानून की जरूरत है जो दलितों और आदिवासियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए विशेष रूप से बनाई गई योजनाओं के लिए बजट में उचित हिस्सेदारी सुनिश्चित करे।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *