मध्य प्रदेश के दमोह में शादी में दूल्हे को बग्गी पर बिठाकर बारात निकालना दबंगों को नागवार गुजरा

Dalit Dulha, Dalit Droom Stoned
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Damoh Dalit Droom Stoned: हाल ही में एक घटना ने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के दमोह (Damoh)  जिले में सुर्खियां बटोरीं, जहां दबंगों ने एक दलित दूल्हे को अपनी बग्गी पर बारात निकालने के कारण सख्त सजा दी। इस घटना में यह देखा गया कि जब दलित समुदाय के एक युवक ने अपनी शादी के दौरान बग्गी पर बारात निकाली, तो यह कुछ उच्च जाति के लोगों को बर्दाश्त नहीं हुआ। दबंगों ने इसका विरोध किया और दूल्हे और उसके परिवार को शर्मिंदा करने के लिए उन्हें दर्दनाक सजा दी।

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क्या है पूरा मामला 

यह विवाद मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के दमोह (Damoh)  जिले के देहात थाना क्षेत्र के चौरई गांव में मंगलवार को एक दलित परिवार की शादी में दूल्हे को बग्गी पर बिठाकर बारात निकालना दबंगों को नागवार गुजरा. दलित दूल्हे (Dalit Grooms) की बारात बग्गी पर निकाले जाने से दबंग ठाकुर समाज के लोग नाराज़ हो गए. इसके बाद उन लोगों ने बारात में तो कोई बाधा नहीं डाली, लेकिन लौटते समय बग्गी चालक राहुल रजक, जगदीश और कृष्णा रजक पर हमला कर दिया. इसके साथ ही युवाओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया और उनके वाहन में भी तोड़फोड़ भी की गई. पीड़ित राहुल रजक ने बताया कि हमने दबंगों की धमकी के बावजूद दूल्हे की बारात निकाली, लेकिन लौटते वक्त उन्होंने हमें बेरहमी से पीटा. राहुल के भाई जयकिशन रजक ने बताया कि हम सुरक्षा के भरोसे पर बारात ले कर निकले थे, लेकिन दबंगों ने हमला कर दिया. हमें न्याय चाहिए.

ठाकुर समाज के इन दबंगों ने पहले ही बग्गी वाले को धमकी दी थी कि दलित दूल्हे को बग्गी पर न बिठाया जाए, लेकिन कुछ स्थानीय नेताओं ने बग्गी वालों को सुरक्षा का भरोसा देकर बारात निकालने के लिए मना लिया. घायल बग्गी चालकों ने किसी तरह बचकर जबलपुर नाका पुलिस चौकी पर शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस ने घायलों को जिला अस्पताल भेजने के साथ ही घटना की जांच शुरू कर दी है. चौकी प्रभारी आनंद अहीरवाल ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

 

जातिगत भेदभाव का बोलबाला

दरअसल, दमोह के ग्रामीण इलाकों में आज भी जातीय भेदभाव और छुआछूत का बोलबाला है. दलितों को घोड़ी या बग्गी पर बारात निकालने से रोकने की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं. इस घटना ने एक बार फिर समाज में व्याप्त भेदभाव को उजागर किया है. यह मामला जातिवाद और सामाजिक भेदभाव का एक और उदाहरण है, जहां दलितों को उनकी स्थिति से ऊपर उठने की अनुमति नहीं दी जाती। दबंगों ने दूल्हे को इस तरह की स्थिति में डालने के लिए उसे शारीरिक रूप से चोट पहुंचाई, जिससे उसकी स्थिति और भी गंभीर हो गई।इस घटना ने समाज में जातिवाद की कड़वी सच्चाई को उजागर किया, और यह सवाल उठाया कि क्या यह अब भी हमारे समाज में व्याप्त है। सरकार और समाज के अन्य अंगों को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए ताकि इस प्रकार के अत्याचारों से निपटा जा सके और समाज में समानता की भावना को बढ़ावा दिया जा सके। यह घटना समग्र रूप से एक गंभीर मुद्दे को उजागर करती है, जो केवल एक व्यक्ति या परिवार तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के बड़े हिस्से को प्रभावित करता है।

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