Delhi Election 2025 : इन दिनों दिल्ली में चुनवी माहौल चल रहा है इसी बीच दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेकर एक खबर सामने आई है कि केजरीवाल ने ग्रन्थियों और हिंदू पुजारियों के लिए वेतन की घोषणा की है, लेकिन बौद्ध भिक्षुओं, वाल्मीकि, गुरु रविदास और यहां तक कि चर्च के पुजारियों के लिए क्यों नहीं? वही उदित राज ने कहा कि दिल्ली में मेरे साथ बौद्ध भिक्षुओं, वाल्मीकि व रविदास मंदिर और चर्च के पुजारियों सहित सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है, पता नहीं कब छोड़ेंगे तो चलिए आपको इस लेख में पुरे मामले के बारें में बताते हैं
हिंदू पुजारियों के लिए वेतन की घोषणा
हाल ही में पूर्व लोकसभा सांसद और कांग्रेस नेता उदित राज ने कई पुजारियों के साथ सोमवार को आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के आवास के पास बौद्ध भिक्षुओं और गुरु रविदास और भगवान वाल्मीकि मंदिरों के पुजारियों के लिए मासिक वेतन की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। जिसमे प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि यह विरोध प्रदर्शन जंतर-मंतर पर होना था, लेकिन पुलिस ने सभा की अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने ग्रंथियों और हिंदू पुजारियों के लिए वेतन की घोषणा की है, लेकिन बौद्ध भिक्षुओं, वाल्मीकि, गुरु रविदास और यहां तक कि चर्च के पुजारियों के लिए क्यों नहीं?
अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में पुजारियों और ग्रंथियों को वेतन देने की घोषणा की थी लेकिन उन्होंने बुद्ध विहार और वाल्मीकि एवं रविदास मंदिर को लेकर ऐसी कोई घोषणा नहीं की। यह आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की दलित विरोधी सोच को एक बार फिर उजागर करता है।
उनकी दलित विरोधी मानसिकता… pic.twitter.com/IH2onXw4Im
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) January 20, 2025
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मासिक वेतन की मांग
एक प्रदर्शनकारी ने दावा किया, “उदित राज के नेतृत्व में बौद्ध भिक्षुओं, गुरु रविदास और भगवान वाल्मीकि के पुजारियों के लिए 18,000 रुपये मासिक वेतन की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया जाना था, लेकिन पुलिस ने सभा की अनुमति नहीं दी।”प्रदर्शनकारियों ने आगे कहा कि उन्होंने फिरोजशाह रोड स्थित केजरीवाल के आवास के पास प्रदर्शन का कार्यक्रम फिर से तय किया है। रविवार को उदित राज ने केजरीवाल पर “दलित विरोधी” होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारा ग्रन्थियों को मासिक मानदेय देने की योजना की घोषणा की, लेकिन वाल्मीकि और रविदास मंदिरों के पुजारियों को इसमें शामिल नहीं किया।
इसके अलवा पूर्व सांसद ने कहा कि सोमवार को वाल्मीकि और रविदास मंदिरों के भिक्षु और पुजारी आप के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और मांग करेंगे कि उन्हें पार्टी की प्रस्तावित योजना के तहत शामिल किया जाए। 30 दिसंबर को केजरीवाल ने घोषणा की थी कि अगर आप आगामी विधानसभा चुनावों में दिल्ली में सत्ता में लौटती है तो वह मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारा ग्रंथियों को ‘पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना’ के तहत 18,000 रुपये का मासिक मानदेय देगी।