Firozabad News: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के रजावली थाना क्षेत्र के कटकी गांव में कुछ जातिवादी तत्वों ने गांव के प्रवेश द्वार पर स्थापित डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद प्रवेश द्वार से बाबा साहब का नाम मिटाने का वीडियो भी सामने आया है। इस घटना के बाद नगीना से दलित सांसद चंद्रशेखर आजाद ने घटना का कड़ा विरोध किया और उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में बताते है।
जानें क्या है पूरा मामला ?
डॉ. भीमराव अंबेडकर जिन्हें ‘बाबासाहेब’ के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संविधान के निर्माता और महान समाज सुधारक थे। उन्होंने अपना जीवन दलितों और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। लेकिन कई जगहों पर बाबासाहेब की प्रतिमा का अपमान किया जा रहा है, जो अपने आप में बेहद निंदनीय है और भारतीय संविधान के मूल्यों का सीधा उल्लंघन है।
दरअसल, खबरों के मुताबिक, कटिकी के ग्राम प्रधान ने बिना किसी अनुमति के सिंचाई विभाग की जमीन पर गांव का प्रवेश द्वार बनवा दिया और वहां स्थापित बाबा साहब की प्रतिमा को खंडित कर दिया। इसकी जानकारी मिलने पर बाबा साहब के अनुयायियों ने धरना देकर हंगामा किया। मौके पर पहुंचे पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने किसी तरह मामला शांत कराया और सिंचाई विभाग के अधिकारियों की तहरीर पर प्रधान के खिलाफ स्थानीय थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज की गई।
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नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने क्या कहा?
इस घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए चंद्रशेखर आज़ाद ने प्रवेश द्वार पर लिखे बाबा साहेब के नाम को मिटाने का वीडियो शेयर किया और लिखा, ‘उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के रजावली थाना क्षेत्र के कटिकी गांव के प्रवेश द्वार पर स्थापित संविधान निर्माता परम पूज्य डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा को जातिवादी अराजक तत्वों द्वारा खंडित कर क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश के जनपद फ़िरोज़ाबाद के थाना क्षेत्र रजावली के गाँव कातकी के प्रवेश द्वार पर लगी संविधान निर्माता परम पूज्य डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की प्रतिमा को जातिवादी अराजक तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त करके नष्ट कर दिया गया। उसके बाद प्रशासन द्वारा प्रवेश द्वार पर लिखे डॉ. भीमराव… pic.twitter.com/63LliNdVvW
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) March 16, 2025
चंद्रशेखर आगे कहते हैं, ‘गांव के प्रवेश द्वार पर स्थापित डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति तोड़ने वाले आरोपियों के खिलाफ प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है और मूर्ति को दोबारा स्थापित करने के लिए धरने पर बैठे डॉ. भीमराव अंबेडकर के अनुयायियों पर मूर्ति को किसी अन्य स्थान पर स्थापित करने का दबाव बनाया जा रहा है, जिससे पता चलता है कि यह घटना सुनियोजित थी और सरकार व प्रशासन की मिलीभगत से घटित हुई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साधा निशाना
चंद्रशेखर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सवाल करते हैं, ‘मूर्ति तोड़ने वाले जातिवादी अराजक तत्वों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? मूर्ति टूटने के बाद प्रशासन द्वारा गांव के प्रवेश द्वार पर लिखे डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम को क्यों मिटा दिया गया? धरने पर बैठे लोगों को सुरक्षा देने के बजाय उन पर मूर्ति को किसी अन्य स्थान पर स्थापित करने का दबाव क्यों बनाया जा रहा है?’
चंद्रशेखर कहते हैं, ‘मैं योगी सरकार से मांग करता हूं कि डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को उसी स्थान पर दोबारा स्थापित किया जाए।’ गांव के प्रवेश द्वार से मिटाए गए डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम को फिर से लिखा जाना चाहिए। इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।’