Hardoi: दलित की मौत, कार्रवाई न होने पर पीड़ित परिवार की भूख हड़ताल की चेतावनी

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Hardoi news: दलित व्यक्ति की मौत के मामले में पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि 4 महीने बीत जाने के बाद भी आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इससे नाराज पीड़ित परिवार ने भूख हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। तो चलिए इस लेख में आपको पूरा मामला बताते हैं।

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जानें क्या है पूरा मामला?

हाल ही में उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले से एक चौकाने वाली खबर सामने आई है जहाँ पीड़ित परिवार का कहना है कि 4 महीने पहले उनके साथ मारपीट की गयी थी जिसके बाद से अब तक आरोपियों के खिलाफ कोई करवाई नहीं की गयी है। दरअसल, यह घटना उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले की है। हरपालपुर कोतवाली क्षेत्र के बमटापुर नंदबाग गांव निवासी भैयालाल उर्फ ​​चमन बाबू ने उप जिलाधिकारी सवायजपुर को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि जमीनी विवाद को लेकर हुई मारपीट में घायल हुए उसके भाई रामनाथ उर्फ ​​जोकर की करीब चार माह पूर्व 15 नवंबर को मौत हो गई थी।

पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया था। जिसमें सिर में चोट की पुष्टि होने पर गांव के ही रणवीर, सुधीर, बबलू, सुनील समेत 8 लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। पीड़ित का आरोप है कि हरपालपुर कोतवाली पुलिस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर रही है और न ही मामले में कोई कार्रवाई की जा रही है।

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पुलिस करवाई में हुई देरी

पीड़िता का आरोप है कि हरपालपुर कोतवाली पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। इस बीच विपक्षी पक्ष ने मृतक के बेटे विजयवीर और भाभी शशि पर कई जानलेवा हमले किए हैं। जिसकी कोई सुध नहीं ली गयी है वही अब न्याय न मिलने से आहत पीड़िता ने भूख हड़ताल की धमकी दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार थाने प्रभारी निरीक्षक छोटेलाल के मुताबिक मामले की जांच जारी है। जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जायेगा।

आपको बता दें, दलितों के खिलाफ़ हिंसा के कई कारण हैं। इनमें जातिवाद, ग़रीबी और असमानता शामिल हैं। जातिवाद एक विचारधारा है जो लोगों को उनकी जाति के आधार पर वर्गीकृत करती है और उन्हें अलग-अलग अधिकार और अवसर देती है। ग़रीबी दलितों को हिंसा के प्रति ज़्यादा संवेदनशील बनाती है, क्योंकि उनके पास खुद की रक्षा करने के लिए कम संसाधन होते हैं। असमानता दलितों को हाशिए पर धकेलती है और उन्हें हिंसा के प्रति ज़्यादा संवेदनशील बनाती है।

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