Ladnun Girls College Controversy : हाल ही में लाडनूं के गर्ल्स कॉलेज (राजस्थान) को लेकर हाल ही में कुछ विवाद सामने आए हैं। यह विवाद मुख्य रूप से कॉलेज में छात्राओं के साथ हुए एक घटना से जुड़ा हुआ है, जिसमें कॉलेज प्रशासन और कुछ छात्रों के बीच अनबन हुई। इसके अलावा, यह विवाद शिक्षा प्रणाली, कॉलेज के नियमों, और परिसर में होने वाली गतिविधियों के बारे में भी उठे हैं। तो चलिए आपको इस लेख में पुरे मामले के बारे में बताते हैं.
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क्या है पूरा मामला
कई बार ऐसा होता है कि कॉलेजों में छात्राओं या उनके अभिभावकों द्वारा कुछ शिकायतें सामने आती हैं, जो कॉलेज प्रशासन और शिक्षा के स्तर से जुड़े मुद्दों को लेकर होती हैं। वही लाडनूं में जिस दर जमीन पर हाल ही में राजकीय कन्या महाविद्यालय का आरम्भ किया गया है, वह आज भी विवादों से घिरा है और एक गरीब दलित महिला की पीडाएं इस महाविद्यालय की धरती से जुड़ी हुई हैं। आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा राजस्थान, जयपुर के निर्देशानुसार गत शनिवार 14 दिसम्बर को इस राजकीय कन्या महाविद्यालय लाडनूं का संचालन इस नवीन भवन में संचालित शुरू किया गया है। इस महाविद्यालय का संचालन सत्र 2021-22 से यहां जौहरी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के पास स्थित एक विद्यालय भवन में किया जा रहा था, जहां से अब यहां शिफ्ट किया गया है, अभी यहां 251 छात्राएं है।
आनंदपाल का टॉर्चर हाउस
राजस्थान में जितना खूंखार गैंगस्टर आनंदपाल सिंह था उतना ही खतरनाक उसका टॉर्चर हाउस था, जहां वो किडनैप करके लाए लोगों को यातनाएं दिया करता था। उनके साथ जानवरों जैस सलूक किया करता था। तब वहां चीख-पुकार सुनाई देती थी, मगर अब आनंदपाल सिंह के खात्मे के बाद टॉर्चर हाउस शिक्षा का मंदिर बनने जा रहा है। राजस्थान सरकार ने आनंदपाल सिंह के टॉचर हाउस के सामने राजकीय कन्या महाविद्यालय बनाया है। आनंदपाल सिंह का टॉर्चर हाउस (दो मंजिला आलिशान घर) राजस्थान के नागौर से अलग होकर नए जिले डीडवाना-कुचामन के लाडनूं में स्थित है। किलेनुमा यह घर गैंगस्टर आनंदपाल सिंह और उसकी गैंग द्वारा फिरौती के लिए अपहरण करके लाए लोगों को छिपाने व यातनाएं देने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। यहां पर राजस्थान सरकार ने 4.50 करोड़ रुपए खर्च करके बालिका महाविद्यालय का निर्माण करवाया है।
कौन है आनंदपाल
गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का जन्म 31 मई 1975 को राजस्थान के नागौर जिले की लाडनूं तहसील के गांव सांवरोद में हुकुम सिंह चौहान व निर्मल कंवर के घर हुआ था। आनंदपाल सिंह की शादी साल 1992 में राज कंवर के साथ हुई थी। इनके दो बेटी योगिता कंवर चौहान व चरणजीत कंवर चौहान है। आंनदपाल सिंह बचपन से ही पढ़ाई होशियार था। वो पढ़-लिखकर शिक्षक बनना चाहता था। ग्रेजुएशन करने के बाद बीएड की। राजस्थान पंचायती राज चुनाव 2000 में आनंदपाल सिंह ने पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा। जीता भी, मगर प्रधान के चुनाव में हार गया था। चुनावी हार के गुस्से ने आनंदपाल सिंह क्राइम की दुनिया में धकेल दिया। साल 2006 में आनंदपाल सिंह डीडवाना में जीवनराम गोदारा की गोली मारकर हत्या की। फिर पीछे मुंड़कर नहीं देखा और क्राइम के दल-दल में फंसता चला गया। धीरे-धीरे शराब के धंधे में उतर गया। अपनी गैंग बना ली। फिरौती वसूलने लगा। गैंगस्टर बन गया।
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