IAS विनीत नंदनवार के संघर्ष की कहानी, जिन्हें देखकर लोग उन्हें बॉडीबिल्डर समझ लेते हैं

IAS Vinit Nandawar
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दलित समाज ने शिक्षा के अधिकार के लिए काफी लंबी लड़ाई लड़ी, उसके बाद उन्हें स्कूलों में बैठने का अधिकार मिला और वह पढ़ने लिखने में सक्षम हो पाए. बाबा साहेब ने कहा था कि अगर अपनी स्थिति बदलनी है तो शिक्षा को हथियार बनाना होगा. शिक्षा ही एकमात्र अस्त्र है जो आपको समाज में ऊपर उठा सकती है. काफी लोग बाबा साहेब के बताए रास्तों पर आगे बढ़े और आज खुद की पहचान बना चुके हैं. इन्हीं में से एक हैं दलित समाज से आने वाले IAS विनीत नंदनवार…जिन्हें देखकर लोग उन्हें बॉडीबिल्डर समझ लेते हैं….

शिक्षा का अधिकार

विनीत नंदनवार 2013 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. छतीसगढ़ से आने वाले नंदनवार ने प्रदेश में कई जगहों पर अलग-अलग पदों को संभाला और साल 2020 में वह सुकमा जिले के कलेक्टर बनें. मौजूदा समय में वह छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा मे अपनी सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन नंदनवार के लिए यहां तक पहुंचना आसान नहीं था. यहां तक पहुंचने  के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. एक दलित परिवार से आने वाले विनीत ने साल 2004 में शिक्षाकर्मी की परीक्षा दी थी, जिसमें वो फेल हो गए थे. उसके बाद वह पढ़ाई के साथ साथ छोटी मोटी नौकरी करने लगें. उनके चाचा ओमप्रकाश नंदनवार से उन्हें काफी प्रेरणा मिली. वह अक्सर विनीत की हौसलाअफजाई किया करते थे.

उन्होंने ही विनीती के दिमाग में बिठाया कि उन्हें कलेक्टर ही बनना है. उसके बाद विनीत ने UPSC की तैयारी शुरु की. पहले अटैंप्ट में विनीत नहीं निकल पाए…फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी…लेकिन दूसरे और तीसरे प्रयास में भी वह असफल ही रहे. इसके बाद विनीत की किस्मत बदली और चौथे प्रयास में उन्होंने बाजी मार लिया. वह चौथे प्रयास में UPSC क्लीयर करने में सफल रहे. उनका ऑल इंडिया रैंक 227 था.

आपको बता दें कि विनीत नंदनवार अपनी मां को अपना आदर्श मॉडल मानते हैं. उनका कहना है कि मेरे संघर्ष और धैर्य में मेरी मां की सीख हमेशा काम आई है. मैं आज जो कुछ भी हूं, उनकी वजह से हूं. अगर हम विनीत के प्रारंभिक जीवन की बात करें तो उनका जन्म छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में हुआ. बस्तर हाईस्कूल से उनकी प्रारंभिक शिक्षा हुई और हाइस्कूल की पढ़ाई धरमपुरा कॉलेज से पूरी हुई. उन्होंने उस इलाके में नक्सलवाद को काफी करीब से देखा है. मौजूदा समय में वह नक्सलवाद को ही खत्म करने पर काम कर रहे हैं. युवाओं को नक्सली बनने से रोक रहे हैं, उन्हें जिंदगी जीने, समाज और देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा दे रहे हैं.

युवाओं को प्रेरित

सुकमा में अपनी पोस्टिंग के दौरान उन्होंने वहां के युवाओं को प्रेरित करते हुए एक जिम की शुरुआत की..उनका मानना है कि वह युवाओं की एक टीम बनाएंगे और सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने में प्रशासन की सहायता करेंगे. कुछ महीने पहले उनकी एक फोटो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही थी. फोटो देखकर ऐसा लगता था कि किसी बॉडी बिल्डर की फोटो है..विनीत अपनी फिटनेस को लेकर काफी जागरुक हैं और वह युवाओं को भी इसके प्रति जागरुक कर रहे हैं. उनका मानना है कि अपने शरीर को स्वस्थ रखना हमारी सबसे पहली जिम्मेदारी है.

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