अमेठी में दलित महिलाओं पर अमर्यादित टिप्पणी, सैकड़ों महिलाओं ने किया घेराव

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Amethi News: प्रदर्शन के दौरान होम गार्ड द्वारा दलित महिलाओं पर अमर्यादित टिप्पणी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। लाठी डंडों से लैस दर्जनों महिलाओं ने काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन किया। होम गार्ड के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए संगठन की महिलाओं ने पुलिस अधीक्षक को पत्र देकर कार्यवाई की मांग की है ।

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जानें क्या हैं पूरा मामला 

हाल ही में उत्तर प्रदेश के अमेठी स विवादित मामला सामने आया है। जहाँ जामो सीएचसी परिसर में धरना-प्रदर्शन के दौरान होमगार्ड की अभद्रता से नाराज महिला किसान संगठन से जुड़ी महिलाएं सोमवार को प्रदर्शन पर उतर आईं। उन्होंने एसपी कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन करते हुए एएसपी को ज्ञापन दिया। इसमें होमगार्ड पर कार्रवाई करने की मांग की है। लेकिन अब चार दिन बाद दलित महिलाओं पर अअमर्यादित टिप्पणी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस घटना के खिलाफ आज सैकड़ों महिलाओं ने काले कपड़े पहनकर एसपी कार्यालय का घेराव किया और विरोध प्रदर्शन किया। वही अनशन की भी चेतावनी दी। इस मौके पर रीता सिंह, श्यामा, ऊषा, मंजू सरोज, कमलेश सरोज, गीता गौतम व रानी आदि मौजूद रहीं।

दरअसल, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के खिलाफ शनिवार को रीता सिंह जनकल्याण समिति की ओर से धरना दिया गया था। धरने के दौरान सुरक्षा में तैनात जामो थाने में कार्यरत होमगार्ड ने महिलाओं पर अभद्रता टिप्पणी की थी। मामला संज्ञान में आने के बाद संगठन की अध्यक्ष ने जामो एसएचओ को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की। इसके बाद कार्रवाई नहीं होेने से महिलाएं भड़क गईं। सोमवार को काली पोशाक पहन कर महिलाएं गौरीगंज में रेलवे स्टेशन के पास एकत्र हुईं। यहां से जुलूस निकाल विरोध-प्रदर्शन करते हुए महिलाएं एसपी कार्यालय पहुंचीं।  उन्होंने एसपी कार्यालय का घेराव कर जामो पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन की सूचना पर पहुंचे एएसपी हरेंद्र कुमार ने महिलाओं से वार्ता कर उनकी समस्याओं व शिकायत पर कार्रवाई का भरोसा दिया। इसके बाद एएसपी को ज्ञापन दिया।

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आपको बता दें, भरतीय समाज में महिलाओं के खिलाफ हिंसा एक गंभीर समस्या है। दलित महिलाएं इस हिंसा की दोहरी मार झेलती हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा कितनी व्यापक है। इस तरह की घटनाओं के होने का एक कारण यह भी है कि कानून का राज पूरी तरह से स्थापित नहीं हो पाया है। अपराधी आसानी से बच निकल जाते हैं, जिससे ऐसे कृत्यों को करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।

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