Kalaburagi News: दलितों के खिलाफ अपराधों के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. सरकारी आँकड़ों के मुताबिक़ पिछले साल भारत में हर रोज़ 10 दलित महिलाओं का बलात्कार हुआ है. महिलाओं के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक संख्या में हिंसा होती है और इसके साथ ही लड़कियों के ख़िलाफ़ होने वाले यौन हिंसा के मामलों में भी यह प्रदेश सबसे आगे है. लेकिन हाल ही में अब बीते दिन कर्नाटक के कलबुर्गी से एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है. जहां पुलिस ने एक निजी स्कूल के शिक्षक को नाबालिग छात्रा से बलात्कार करने के आरोप में ग्रिफ्तार किया हैं.
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बलात्कारी को मृत्युदंड – Kalaburagi News
हाल ही में कर्नाटक के कलबुर्गी से एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है. जहां पुलिस ने एक निजी स्कूल के शिक्षक को स्कूली छात्रा से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया है। तभी से इलाके के लोग गुस्से में हैं…और आरोपी बलात्कारी को मृत्युदंड देने की मांग कर रहे हैं. जिसके बाद से प्रदर्शनकारियों ने आरोपी बलात्कारी को मृत्युदंड देने की मांग करते हुए पथराव किया और कारों, बाइकों और दुकानों को नुकसान पहुंचाया और जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने आरोपी की तस्वीर भी जलाई। दरअसल, घटना यादरामी पुलिस स्टेशन की सीमा से सामने आई है। पुलिस ने एक निजी स्कूल के शिक्षक को स्कूली छात्रा से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया है।
मामले ने सांप्रदायिक मोड़ ले लिया है क्योंकि आरोपी शिक्षक अल्पसंख्यक समुदाय से है। कुछ महीने पहले लड़की को रक्तस्राव हुआ था, जिसे उसके माता-पिता ने शुरू में यौवन का संकेत मानकर अनदेखा कर दिया और उसे स्कूल भेजना जारी रखा। बाद में पता चला कि रक्तस्राव बलात्कार के कारण हुआ था। पुलिस ने बताया कि शिक्षक छठी कक्षा की छात्रा को नियमित कक्षाओं के बाद अतिरिक्त मार्गदर्शन देने और परीक्षा में अधिक अंक दिलाने के बहाने अपने पास रखता था। शिक्षक ने लड़की को बार-बार यौन उत्पीड़न के बारे में न बोलने की धमकी भी दी। शिक्षक ने 29 नवंबर को कक्षा के बाद स्टाफ रूम में पीड़िता के साथ बलात्कार किया था। इसके बाद लड़की ने अपनी पीड़ा अपने करीबी दोस्तों को बताई और उन्होंने उसके माता-पिता को इसकी जानकारी दी।
प्रदर्शनकारियों का विरोध प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन के दौरान, आंदोलन का नेतृत्व करने वाले सिद्धलिंगा स्वामीजी ने कलबुर्गी के दलित जिले के प्रभारी मंत्री और ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज, आईटी और बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे पर क्षेत्र में दलित लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के कई मामलों को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने मंत्री की आलोचना करते हुए कहा कि प्रियांक खड़गे दलितों की सुरक्षा करने के अपने कर्तव्य में विफल रहे हैं। वही सिद्धलिंगा ने मंत्री खड़गे पर कुंभकर्ण की तरह “गहरी नींद” में रहने का आरोप लगाया और कहा कि हिंदू लड़कियों के खिलाफ अपराध “पाकिस्तान के एजेंटों” द्वारा किए जा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन भी सौंपा। इस विरोध प्रदर्शन में पूर्व भाजपा सांसद उमेश जाधव, पूर्व मंत्री बाबूराव चव्हाण, अप्पाराव देवीमुत्या सहित कई धार्मिक नेता, बंजारा समुदाय के सदस्य और हिंदू संगठन के नेता शामिल हुए।
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