Karnataka Crime News: हाल ही में एक खबर सामने आई है जिसमें ‘जय भीम’ गाने के कारण दो दलित जाति के युवको को बेरहमी से सरेआम पीटा और गालियां दी जा रहीं है। यह घटना कुछ खास कारणों से चर्चा का विषय बनी है, खासकर गाने के साथ जुड़ी हुई भावनाओं को लेकर। ‘जय भीम’ एक लोकप्रिय गीत है, जो भारतीय समाज के दलित समुदाय के अधिकारों और सम्मान की लड़ाई को उजागर करता है। इस गाने को आम तौर पर दलित समुदाय के संघर्ष को प्रकट करने के रूप में देखा जाता है।
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दलित युवको की पिटाई
बीते शनिवार को कर्नाटक के तुमकुरु जिले में दो दलित युवको पर कुछ लोगों ने हमला किया और जातिवादी गालियां भी दी गईं। बताया जा रहा है कि इन लोगों ने अपने मालवाहक वाहन में कथित तौर पर ‘जय भीम’ गाना बजाया था, जिसके बाद इन लोगों पर हमला कर दिया और गालियां भी दी गईं. पुलिस ने बताया कि इस घटना के सिलसिले में रेलवे के एक अधिकारी समेत दो लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. यह घटना शनिवार के दिन शाम 6 बजे मुद्दनहल्ली गांव में हुई थी ।
वही मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जब गाँव निवासी दीपू (19) और नरसिंह मूर्ति (32) अपने गाड़ी में जा रहे थे. तभी मोटरसाइकिल पर सवार आरोपियों ने वाहन को रोका और पीड़ितों से उनकी जाति और वे ‘जय भीम’ गीत क्यों बजा रहे थे, इस बारे में पूछा। जैसे ही दीपू ने बताया कि वो दलित है फिर क्या था अरोपियो ने फिर ना आव देखा न ताव बस उस पर और उसके साथी पर हमला कर दिया।
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समाज में असमानता
यह जानकारी गुब्बी पुलिस निरीक्षक सुनील कुमार ने दी है। उन्होंने आगे बताया कि दोनों के बीच झगड़ा होता देख गाड़ी चला रहे मूर्ति ने बीच-बचाव करने की कोशिश की तो उन पर भी दो आरोपियों ने हमला कर दिया। आरोपियों की पहचान रेलवे विभाग के अधिकारी चंद्रशेखर और नरसिंह राजू के रूप में हुई है। वही पुलिस ने बताया कि इन्हें जातिसूचक गालियां भी दी गईं। वही पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों को पास के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया हैं जहाँ पीड़ित दीपू और नरसिंह मूर्ति का इलाज चल रहा हैं। इसके अलवा पुलिस अधिकारी सुनील ने कहा हमने एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम और बीएनएस की धारा 109 (हत्या की कोशिश) के तहत मामला दर्ज किया है. संदिग्धों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है.’
आपको बता दें, कई बार ऐसे गाने और नारों को कुछ लोग या समूह अपनी भावनाओं को व्यक्त करने और अपनी पहचान की लड़ाई में इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इस तरह के विवादों में गाने के उद्देश्य का गलत मतलब निकाला जा सकता है, जैसा कि इस घटना में देखा गया। यह घटना एक गंभीर सामाजिक मुद्दे को उठाती है, जिसमें जातिवाद, असहमति और समाज में असमानता के खिलाफ लड़ाई की आवश्यकता को और भी मजबूती से महसूस किया जाता है। इस मामले में पुलिस और संबंधित अधिकारियों की कार्रवाई को देखना महत्वपूर्ण होगा ताकि दोषियों को सजा मिल सके और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।