Mathura Dalit Controversy: 15 दिन पहले उत्तर प्रदेश के मथुरा से एक मामला सामने आया था, जहां दलित बहनों की बारात पर अचानक गुंडों ने हमला कर दिया था। विवाद इतना बढ़ गया कि शादी रद्द कर दी गई और बाराती बारात लेकर वापस लौट गए। जिसके बाद पीड़ित परिवार ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने मामले का संज्ञान लिया और पीड़ित परिवार की मदद के लिए आगे आए और फिर आपसी सहमति से दलित बहनों की शादी एक बार फिर तय की गई और धूमधाम साथ के संपन कि गई। तो चलिए इस आर्टिकल में आपको पूरा मामला बताते हैं।
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जानें क्या है पूरा मामला ?
मथुरा के करनावल गांव में शुक्रवार देर रात दो दलित बेटियों की शादी धूमधाम से हुई। 21 फरवरी को दबंगों की गुंडागर्दी के चलते इन बेटियों की बारात बिना शादी हुए ही लौट गई। विवाह समारोह में समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण और कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया शामिल हुए। दोनों ने कन्यादान के रूप में एक-एक लाख रुपये दिए। माधोपुर से आए दो सगे भाइयों के साथ इन बेटियों की शादी कराई गयी। वही विवाह समारोह में सभी राजनीतिक दलों के नेता मौजूद रहे। आजाद समाज पार्टी के प्रदेश सचिव आलोक यादव ने कन्यादान के रूप में 21 हजार रुपये दिए। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने वीडियो कॉल के जरिए दुल्हनों को आशीर्वाद दिया।
इसके अलावा राज्यमंत्री असीम अरुण ने मंडप में स्थापित बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। परिवार ने मंत्री से दोनों दामादों के लिए नौकरी और दो लाइसेंस की मांग की। जिसके बाद मंत्री ने इन मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया।
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मंत्री और सांसद की भागीदारी
घटना की गंभीरता को देखते हुए मंत्री और सांसद शादी में शामिल हुए और दलित परिवार को समर्थन दिया। वही योगी के मंत्री असीम अरुण ने कहा कि घटना के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार दलित समुदाय के साथ है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।