Moradabad: वाल्मिकी समाज ने लगाई सुरक्षा की गुहार, घरों पर लगाए पलायन के पोस्टर

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Moradabad Hindi News: मोरादाबाद में वाल्मीकि समाज के लोगों ने अपने घरों पर पलायन के पोस्टर लगाए हैं। उनका आरोप है कि उन्हें दबंग मुस्लिम समुदाय के लोगों से डर लग रहा है और इसलिए वे पलायन करने के लिए मजबूर हैं। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में बताते है।

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जानें क्या है पूरा मामला ?

हाल ही में उत्तर प्रदेश के मोरादाबाद से एक चौंकाने वाली खबर आई है, जहाँ वाल्मीकि समाज के सदस्यों ने अपने घरों पर पलायन के पोस्टर चिपकाए हैं। दरअसल, मुरादाबाद के मूंढापांडे थाना क्षेत्र के वीरपुर वरियार, जिसे खड़क गांव भी कहा जाता है, वही दलित समुदाय के कुछ परिवारों ने अपने घरों के बाहर पलायन का संदेश देते हुए पोस्टर लगाए हैं। इन पोस्टरों में इन परिवारों ने मुस्लिम समुदाय के कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों पर अपनी पट्टे वाली जमीन पर अवैध कब्जा करने और जबरन मकान बनाने का गंभीर आरोप लगाया है।

ग्रामीणों के अनुसार, उन्होंने इस मुद्दे पर एसडीएम और डीएम से शिकायत की, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसके उलट, जब उन्होंने विरोधस्वरूप पलायन के पोस्टर लगाए, तो पुलिस ने उन पोस्टरों को हटवा दिया और धमकी दी कि यदि उनकी दीवार पर लगे पोस्टर नहीं हटाए गए, तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

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उचित कार्रवाई करेगा प्रशासन

इस मामले पर एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने स्पष्ट किया कि यह विवाद दो प्रधानों के बीच का एक राजनीतिक विषय है। उन्होंने बताया कि निर्माण कराने वाले पक्ष को अदालत से एक स्पष्ट आदेश प्राप्त हुआ है कि इस निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए। अदालत के निर्देशों के अनुसार, प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा और जिस पक्ष का दावा सही साबित होगा, उसका समर्थन किया जाएगा।

सिंह ने यह भी कहा कि यह पलायन का मामला नहीं है, बल्कि यह दो प्रधानों के बीच की राजनीतिक टकराव का एक हिस्सा है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि निर्माण कार्य को बाधित करने का प्रयास कर रहे पक्ष का कोई वैधानिक आधार नहीं है और अदालत ने निर्माण करने वाले पक्ष के समर्थन में आदेश दिए हैं।

गांव छोड़ने के अलावा और कोई विकल्प नहीं

दलित समुदाय के सदस्यों का कहना है कि यदि उनकी ज़मीन पर कब्जा हटाया नहीं गया, तो उनके पास गांव छोड़ने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचेगा। उन्होंने प्रशासन से निष्पक्ष कार्रवाई की गुहार लगाई है और चेतावनी दी है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिलता, तो उन्हें मजबूरी में पलायन करना पड़ेगा।
दूसरी ओर, प्रशासन का कहना है कि वह दोनों पक्षों के बीच समन्वय स्थापित करने के प्रयास कर रहा है और राजस्व अधिकारियों की उपस्थिति में मामले का समाधान किया जाएगा। इस बीच, पुलिस और प्रशासन का ध्यान इस पूरे घटनाक्रम पर बना हुआ है।

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