Alwar news: हाल ही में राजस्थान के अलवर में रामगढ़ से एक चौकाने वाला मामला सामने आया है जहाँ एक मंदिर को ‘गंगाजल’ से शुद्ध करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ज्ञानदेव आहूजा ने मंदिर में गंगाजल छिड़का था, जहाँ एक दिन पहले कांग्रेस के दलित नेता टीकाराम जूली ने पूजा की थी। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में बताते है।
और पढ़े: Delhi: महरौली में दलित के शव को जलाने से रोका, जातिगत भेदभाव का आरोप
दर्शन करने के बाद गंगाजल छिड़काव
बीते दिन अलवर में भाजपा नेता व पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा के कांग्रेस को लेकर दिए गए विवादित बयान ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा और कहा कि उनके आने से मंदिर अपवित्र हो गए हैं। इसे लेकर आहूजा ने सोमवार को शालीमार आवासीय सोसायटी में नवनिर्मित राम मंदिर में गंगाजल का छिड़काव करवाया।
बता दें कि अलवर के नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में रविवार को प्राण प्रतिष्ठा की गई। इसमें नेता प्रतिपक्ष जूली ने भी भाग लिया और पूजा अर्चना की। इधर, आहूजा के विवादित बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने उन पर निशाना साधा। उन्होंने भाजपा को घेरा है और आहूजा की कड़ी निंदा करते हुए भाजपा से कार्रवाई की मांग की है।
और पढ़े: रामजी लाल सुमन पर हमले को लेकर अखिलेश यादव का योगी सरकार पर तीखा हमला
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
कांग्रेस ने इस घटना को दलितों का अपमान बताया और भाजपा की आलोचना की। वही दलित संगठनों ने भी इस घटना पर नाराजगी जताई। इसके अलवा भाजपा ने ज्ञानदेव आहूजा के बयान से किनारा करते हुए कहा कि पार्टी जातिवाद का समर्थन नहीं करती है।
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में सभ्य समाज में ऐसी संकीर्ण मानसिकता स्वीकार्य नहीं है। इस दौरान गहलोत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ से सवाल किया कि क्या वे अपने वरिष्ठ नेता ज्ञानदेव आहूजा के इस व्यवहार से सहमत हैं? क्या भाजपा अपने नेता के इस घृणित कृत्य के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी?